फिल्म की कहानी मुंबई के धारावी की एक चॉल से शुरू होती है। मुराद (रणवीर सिंह) गरीबी और सामाजिक बहिष्कार से जूझता एक मुंबई का युवा है जिसका सपना एक बड़ा रैपर बनने का है। मुराद, एक जिंदादिल लड़की सैफीना (आलिया भट्ट) से प्यार करता है। मुराद की जिंदगी में बदलाव तब आता है जब वह एक दिन एमसी शेर उर्फ श्रीकांत को कॉलेज के लड़कों के साथ रैप करता देखता है। मुराद इसके बाद श्रीकांत के साथ जुड़ जाता है और ये दोनों अपनी एक टीम बनाकर रैप करने लगते हैं। मुराद के इस काम में उसके दोस्त और उसका परिवार साथ रहता है और वह एक बहुत बड़ा रैपर बन जाता है।रिव्यू:
फिल्म में एक लाइन है जिसमें कैरक्टर एमसी शेर (सिद्धांत चतुर्वेदी) कहता है, ‘अगर दुनिया में सब कम्फर्टेबल होते तो रैप कौन करता?’ यही इस फिल्म का जिस्ट है। डायरेक्टर जोया अख्तर की ‘गली बॉय’ धारावी के एक साधारण लड़के मुराद की कहानी है जो अपनी गरीबी के बावजूद अपने सपनों को मरने नहीं देता है। एक साधारण बस्ती में रहने वाला लड़का गली बॉय नाम का फेमस रैपर बन जाता है। फिल्म में मुराद का यह सफर दिलचस्प है। फिल्म भारतीय ऑडियंस के हिसाब से कुछ अलग हो सकती है क्योंकि रैप अभी भी म्यूजिक का ऐसा जॉनर है जो भारत में ज्यादा प्रचलित नहीं है लेकिन फिल्म देखने के लिए यह जरूरी नहीं है कि आप भी रैप से रिलेट करें क्योंकि फिल्म में ऐक्टर्स की परफॉर्मेंस और कहानी से आप बंध जाते हैं।
गली बॉय ट्रेलर
फिल्म में मुराद के अपने पिता आफताब (विजय राज) से विचार नहीं मिलते। यह किरदार काफी अच्छा बन पड़ा है। फिल्म का स्क्रीनप्ले रीमा कागती और जोया ने लिखा जो बेहद टाइट है। रणवीर ने अपने किरदार को निभाने में पूरी जी-जान लगा दी है। फिल्म में रणवीर मुराद के किरदार में पूरी तरह रम गए हैं। आलिया भट्ट की परफॉर्मेंस हमेशा की तरह बेहतरीन है, हालांकि उनका रोल काफी छोटा है लेकिन प्रभावित करता है। रणवीर और आलिया की क्यूट केमिस्ट्री फिल्म में दोनों किरदारों को नई ऊंचाई पर ले जाती है। अपनी पहली ही फिल्म में सिद्धांत चतुर्वेदी ने जता दिया है कि वह लंबी रेस के घोड़े हैं। फिल्म में विजय वर्मा, कल्कि केकला और विजय राज के रोल छोटे हैं लेकिन इतने जानदार हैं कि इनके बिना फिल्म पूरी नहीं हो सकती थी।
फिल्म का म्यूजिक पहले ही हिट हो चुका है। यह फिल्म रीयल लाइफ रैपर नाइजी और डिवाइन की जिंदगी से प्रेरित है। फिल्म के बैकग्राउंड स्कोर और विजुअल्स किसी हॉलिवुड फिल्म से मुकाबला कर सकते हैं। कहानी में दिखाई गई रैप बैटल बेहतरीन लिखी गई है। फिल्म के साथ एक ही समस्या है कि 2:30 घंटे की यह फिल्म काफी लंबी लगती है लेकिन चुस्त कहानी और फिल्म के डायलॉग आपको बांधे रखते हैं।
रचित गुप्ता