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रविदास मेहरोत्रा ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में अनियमिता पाये जाने पर सख्त रुख अख्तियार किया

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: प्रदेश के मातृ, शिशु एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री रविदास मेहरोत्रा ने आज यहां राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उ0प्र0 कार्यालय का औचक निरीक्षण किया है। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों द्वारा बजट से संबंधित दस्तावेज न प्रस्तुत करने पर उन्होंने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की। उन्होंने कहा कि अधिकारियों का यह कृत्य अत्यन्त ही लापरवाही वाला है। इनके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने 55 जनपदों में स्कूल तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों की जांच करने हेतु स्वास्थ्य टीम के लिए लगाई गई टैक्सियों के फर्जीवाड़े पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए तत्काल पूरे प्रकरण की जांच कराने तथा दोषी टैक्सी मालिकों एवं अधिकारियों के विरूद्ध एफ0आई0आर0 दर्ज कराने के निर्देश दिए।
श्री मेहरोत्रा ने कहा कि प्रदेश सरकार मातृ एवं शिशु मृत्युदर में कमी लाने के प्रति बेहद गम्भीर है। सरकार ने मातृ एवं शिशु मृत्युदर में कमी हेतु अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रहीं हैं, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से लोगों को इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा समस्त जनपदों में आंगनबाड़ी केन्द्रों तथा स्कूलों पर कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था की गई है। डाक्टरों की टीम आंगनबाड़ी केन्द्रों तथा स्कूलों में जाकर बच्चों की जांच करें, इसके लिए टैक्सी भी लगाई गई है, लेकिन 55 जनपद ऐसे हैं, जहां पर स्कूटर, मोटर साइकिल तथा ट्रैक्टर के रजिस्ट्रेशन का इस्तेमाल करके गलत तरीके से सरकारी धन का दुरूपयोग किया गया है। उन्हांेने कहा कि इस अनियमितता में संलिप्त दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई होगी।
राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने कहा कि एन0एच0एम द्वारा बजट आवंटित कर दिया गया है, लेकिन इसकी मानीटरिंग की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। विगत एक वर्षों से सरकारी धन का दुरूपयोग हो रहा था और अधिकारी देखते रहे। उन्होंने कहा कि यह बिलकुल साफ है कि जब गाड़ियों का उपयोग नहीं हुआ तो, बच्चों की जांच कैसे हुई होगी। उन्होंने निर्देश दिए कि समस्त जनपदों में जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में समिति बनाई जाए, जो इस अनियमितता की जांच करें।
श्री मेहरोत्रा ने परिवार कल्याण के कार्यक्रमों का व्यापाक प्रचार-प्रसार न करने पर अधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि स्टेट लेवल पर योजनाओं का प्रचार-प्रसार कराया जाए। उन्होंने कहा कि संस्थागत प्रसव के उपरान्त महिला को जननी सुरक्षा योजना के तहत दी जाने वाली धनराशि का ब्यौरा अस्पतालों की दीवारों पर अंकित कराया जाए। शिशुओं के टीकाकरण कार्यक्रम को 80 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत किया जाए।

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