मुंबई: रिजर्व बैंक ने 30 जून 2018 को समाप्त वित्त वर्ष के लिए केंद्र सरकार को 50 हजार करोड़ रुपये का लाभांश देने का निर्णय लिया है. रिजर्व बैंक का यह कदम केन्द्र सरकार के आम बजट के प्रावधानों के अनुकूल है और इससे राजकोषीय रूपरेखा को बनाये रखने में मदद मिलेगी. जुलाई से जून वित्त वर्ष का अनुपालन करने वाले रिजर्व बैंक ने पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 63 प्रतिशत अधिक लाभांश दिया है. पिछले वित्त वर्ष में उसने सरकार को 30,659 करोड़ रुपये का लाभांश दिया था. रिजर्व बैंक बोर्ड की हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया.
केंद्रीय बैंक ने जारी बयान में कहा, ‘‘रिजर्व बैंक के निदेशकों के केंद्रीय बोर्ड ने आठ अगस्त 2018 को हुई बैठक में सरकार को 30 जून 2018 को समाप्त वित्त वर्ष के लिए 50 हजार करोड़ रुपये का अधिशेष हस्तांतरित करने को मंजूरी दी है.’’ इससे पहले इस साल मार्च में उसने सरकार को वित्त वर्ष के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का अंतरिम लाभांश दिया था. सरकार ने बजट में रिजर्व बैंक, राष्ट्रीयकृत बैंकों और वित्तीय संस्थानों से 54,817.25 करोड़ रुपये का लाभांश मिलने का अनुमान लगाया है. पिछले साल सरकार को इस मद में 51,623.24 करोड़ रुपये प्राप्त हुये थे.
पिछले वित्त वर्ष में रिजर्व बैंक ने सरकार को 30,659 करोड़ रुपये का लाभांश दिया था जो कि उससे पिछले साल के दिये गये लाभांश के मुकाबले आधे से भी कम था. जून 2017 में समाप्त वित्त वर्ष में लाभांश कम रहने का कारण नोटबंदी के बाद नये नोटों की छपाई का खर्च है. (इनपुट-भाषा)