देहरादून: सोमवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखण्ड राज्य हेतु ई-भुगतान एवं ई-प्राप्ति सुविधा (ई-कुबेर, रिजर्व बैंक की कोर बैंकिंग सुविधा और ई-कोष, राज्य सरकार केन्द्रीकृत कोषगार प्रणाली का समेकन) का उद्घाटन सचिवालय परिसर में किया गया।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि यह व्यवस्था लाभकारी सिद्ध होगी। इससे राज्य सरकार व आरबीआई के मध्य बेहतर समन्वय स्थापित होगा। हमारे यहां पहले से ही सभी कोषागार आॅन लाईन भुगतान प्रणाली पर कार्य रहे है।
भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों और अगस्त 2014 के दौरान मुख्य सचिवों एवं वित्त सचिवों के सम्मेलन में लिए गए निर्णय के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी राज्य सरकारों हेतु ई-प्राप्ति और ई-भुगतान सुविधा के क्रियान्वयन को विशिष्ट प्राथमिकता दी है। इसलिए रिजर्व बैंक ने ई-कुबेर (रिजर्व बैंक की करेर बैंक्रिंग सुविधा) आधारित ई-भुगतान और ई-प्राप्ति का एक मानकीकृत माॅड्यूल विकसित किया है जो प्रत्येक राज्य सरकार की आवश्यकताओं पर उनकी विशिष्ट आन्तरिक प्रक्रिया के होते हुए भी खरा उतरता है। चूॅकि ई-कुबेर आईएसओ20022 मेसेजिंग स्टैण्डर्ड को सूचना अन्तरण हेतु प्रयोग करता है, इसलिए यह राज्य सरकारों के विभिन्न प्रणाली के साथ, सुरक्षा एवं संदेशों की पूर्णता पर ध्यान केन्द्रित करते हुए एकीकरण कर लेता है।
मानकीकृत ई-भुगतान माॅड्यूल ई-कुबेर और राज्य सरकार के ई-कोष(केन्द्रीकृत कोषगार प्रणाली) के मध्य सुरक्षित इंटरफेस के जरिए राज्य सरकार के भुगतानों की सीधी एवं त्वरित प्रोसेंसिंग सुनिश्चित करता है। पूरी तरह से स्वचालित इंटरफेस के जरिए राज्य सरकार के भुगतानों की सीधी एवं त्वरित प्रोसेसिंग सुनिश्चित करता है। पूरी तरह से स्वचालित प्रक्रिया होने के कारण संदेशों की एक छोर से दूसरे छोर तक निर्बाध प्रोसेसिंग, गणना और स्क्राॅल का सृजन एवं प्रेषण होता है। यह माॅडयूल सुनिश्चत करता है कि सभी भुगतानों की कुशल प्रोसेसिंग हो और लाभार्थियों को बिना विलंब के भुगतान प्राप्त हो। इस माॅड्यूल के जरिए राज्य सरकार को प्रतिदिन स्क्राॅल उपलब्ध होंगे जिसके द्वारा राज्य सरकार अपनी निधियों का अधिक कुशलता से प्रबन्धन कर सकेगी।
इस अवसर पर आरबीआई के क्षेत्रीय निदेशक आर.एल.शर्मा, राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा, मुख्य सचिव एन. रवि शंकर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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