लखनऊ: उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री श्री सतीश महाना ने कहा कि राज्य में लाॅक-डाउन लागू होने से लेकर आज तक बड़ी संख्या में उद्यमियों को विभिन्न औद्योगिक प्राधिकरणों में भूमि का आवंटन किया गया है। अनलाॅक-01 के बाद उत्तर प्रदेश में औद्योगिक इकाइयां पूर्ण क्षमता के साथ उत्पादन कर रही है। बाजार खुलने के हिसाब से फैक्ट्री में प्रोडेक्शन बढ़ता जायेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण इण्डस्ट्रीज एवं श्रमिक सबसे ज्यादा प्रभावित हुए है। सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ उद्यमियों एवं श्रमिकों के साथ खड़ी है। उन्होंने उद्यमियों को आश्वस्त किया कि उनके जो भी सुझाव व मांगे है, उनपर गम्भीरतापूर्वक विचार कर अग्रिम कार्यवाही की जायेगी।
श्री महाना आज नोएडा से विधायक श्री पंकज सिंह के नेतृत्व में आयोजित वेबिनार में उद्यमियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रवासी कामगारों को रोजगार मुहैया कराना बहुत बड़ी चुनौती है। इसको अवसर के रूप में लिया जा रहा है। बाहर से आने वाले कामगारों की मैपिंग के लिए आयोग का गठन किया गया है। प्रदेश से निर्यात बढ़ाने के लिए एक्सपोर्ट पालिसी में रिब्यू किया जा रहा है। लाजिस्टक पार्क एवं सोलर एनर्जी उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन देने का कार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने के लिए उद्यम स्थापित करने पर विशेष छूट देने का प्राविधान किया गया है।
औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा कि विदेशों से आयात होने वाले उत्पादों का प्रदेश में ही उत्पादन शुरू कराने पर विशेष बल दिया गया है। लाॅकडाउन के दौरान प्रदेश में पी0पी0ई0 किट, सेनेटाइजर तथा मास्क का उत्पादन शुरू हो चुका है। अभी तक यह वस्तुएं इम्पोर्ट की जाती रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने उद्यमियों की समस्याआंे के त्वरित समाधान हेतु कई प्रकार के रिफार्म को लागू किया है। उद्यमियों से प्राप्त फीडबैक के अनुसार आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।
चर्चा के दौरान उद्यमियों ने ईज आॅफ डूईंग बिजनेस को और अधिक प्रभावी बनाने तथा बिना अनुमति फैक्ट्री में छापेमारी न करने की बात कही। इसके अलावा उद्यमियों ने बैंक से लोन मिलने में हो रही कठिनाई से भी अवगत कराया। इसके अतिरिक्त उन्होंने ट्राजिक्शन में टी0डी0एस0 पर छूट की अवधि को बढ़ाने, उद्योगों की मांग के अनुसार कुशल मानव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए मैच मेकिंग कान्सेप्ट अपनाने तथा औद्योगिक प्राधिकरणों द्वारा आवंटित भूमि पर एक वर्ष में उद्योग शुरू करने की अवधि को बढ़ाने पर जोर दिया। साथ ही बरेली जनपद में बंद रबर फैक्ट्री को इण्डस्ट्रियल एरिया घोषित करने सहित कई मांगे रखी।