लखनऊ: उ0प्र0 राज्य भण्डारण निगम को वर्ष 2018-19 में माह नवम्बर, 2018 तक की अवधि में भण्डारण शुल्क के रूप में 16490.17 लाख रु0 प्राप्त हुए हैं। इसी प्रकार भण्डारण शुल्क के रूप में निगम को वित्तीय वर्ष 2016-17 में 16109.52 लाख रु0, वर्ष 2017-18 में 21782.53 लाख रु0 प्राप्त हुये हैं, जो विगत वर्ष की तुलना में 135 प्रतिशत अधिक है।
यह जानकारी सहकारिता मंत्री श्री मुकुट बिहारी वर्मा ने दी है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017-18 में निगम द्वारा 26.67 लाख मै0 टन गेहूँ का भण्डारण अपने गोदामों में कराया गया। वर्ष 2018-19 में निगम के गोदामों में गेहूं का भण्डारण 37.62 लाख मै0 टन हो चुका है, जो गतवर्ष के सापेक्ष 141 प्रतिशत अधिक है। विभिन्न जिलो में निगम की स्वनिर्मित क्षमता भर जाने के उपरान्त भारतीय खाद्य निगम एवं जिला प्रशासन के सहयोग से अधीग्रहीत/किराये पर गोदामों में लोकहित में गेहूं भण्डारण का कार्य कराया गया है। चावल भण्डारण विगत वर्ष 14.03 लाख मै0 टन हुआ था। वर्तमान समय तक 18.27 लाख मै0 टन भण्डारित हुआ, जो गतवर्ष के सापेक्ष 76 प्रतिशत अधिक है। निगम के 110 स्वनिर्मित भण्डारगृहों में से 97 भण्डारगृहों को प्रधान कार्यालय से एप्लीकेशन साॅफ्टवेयर के माध्यम से जोड़ा गया है जिससे परियोजनाओं का अनुश्रवण मुख्यालय स्तर से ही किया जा सकेगा।
श्री वर्मा ने बताया कि निगम द्वारा वर्ष 2017-18 से समस्त टेण्डर, ई-टेण्डर के माध्यम से कराये जा रहे हैं तथा निगम के प्रधान कार्यालय पर जून, 2017 से कार्मिकों की उपस्थिति बायोमेट्रिक मशीन से लगायी जा रही है। मण्डी परिषद की भूमि पर निगम द्वारा 5000-5000 मै0टन क्षमता के 40 गोदाम के निर्माण की कार्यवाही की जा रही है। मण्डी परिषद द्वारा 37 स्थानों पर भूमि उपलब्ध करा दी गयी है, शेष की कार्यवाही प्रक्रिया में है। वर्ष 2022 तक कृषकों की आय दोगुना करने के क्रम में भण्डारागार-विकास एवं विनियामक प्राधिकरण में पंजीकृत गोदाम यथा-पनकी इ0ए0, जालौन, कालपी, नवीन मण्डी मेरठ, डिबाई, मथुरा इ0ए0, खैर एवं बहजोई का शुभारम्भ किया गया। सहकारी संस्थाओं एवं किसानों को भण्डारण शुल्क में क्रमशः 10 एवं 30 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाती है।
श्री वर्मा ने बताया कि उ0प्र0 राज्य भण्डारण निगम की स्थापना के समय केन्द्रीय भण्डारण निगम एवं राज्य सरकार से 5-5 करोड़ लेकर व्यवसाय प्रारम्भ किया गया। वर्ष 2017 में लाभांश के रूप में केन्द्रीय भण्डारण निगम को 1,11,65,000 रु0 तथा राज्य सरकार को भी 1,11,65,000 रु0 दिया गया। भण्डारण क्षमता में उत्तरोत्तर वृद्धि करते हुये वर्ष 2016-17 की तुलना में वर्ष 2018 में 5 गुना वृद्धि करत ेहुये 47.40 लाख मै0 टन का भण्डारण कराया गया। अगामी वर्षों में भण्डारण की क्षमता 30 लाख मै0 टन0 बढ़ाने की है जिसे किसानों की उपज को सुरक्षित एवं संरक्षित करके आय को दोगुना करने की परिकल्पना को साकार किया जा सके।