लखनऊ: प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेण्डर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना’ के अन्तर्गत शहरी पथ विक्रेताओं को ऋण प्राप्त करने की प्रक्रिया में ऋण व गिरवी अनुबंध के स्टाम्प शुल्क के रूप में वर्तमान में रू0 100.00 से लेकर रू0 1000.00 तक वसूल किये जा रहे है, जिससे कि गरीब शहरी पथ विक्रेताओं को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। भारत सरकार द्वारा प्रदेश सरकार से यह अनुरोध किया गया था कि ऋण प्राप्त करने की प्रक्रिया में ऋण अनुबंध और गिरवी अनुबंध हेतु स्टाम्प शुल्क को या तो पूर्ण माफ कर दिया जाये अथवा शहरी पथ विक्रेता से सांकेतिक रूप में एक रूपया मात्र का शुल्क कर दिया जाये।
नगर विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम मंत्री श्री आशुतोष टण्डन ने शहरी पथ विक्रेताओं के समक्ष आ रही इस कठिनाई को महसूस करते हुए इस सम्बन्ध में भारत सरकार द्वारा की गई अपेक्षा के अनुसार कार्यवाही करते हुए प्रदेश के शहरी पथ विक्रेताओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु सरकार द्वारा संचालित की जा रही पी0एम0 स्वनिधि योजनान्तर्गत ऋण अनुबंध और गिरवी अनुबंध हेतु स्टाम्प शुल्क सांकेतिक एक रूपये मात्र अथवा पूर्णतया माफ करने की अनुशंसा की है।
नगर विकास विभाग द्वारा इस सम्बन्ध में स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग से अनुरोध किया गया है कि ऋण व गिरवी अनुबंध हेतु स्टाम्प शुल्क सांकेतिक एक रूपया मात्र (रू0 1/-) अथवा पूर्णतया माफ करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।
नगर विकास मंत्री, श्री आशुतोष टण्डन ने बताया कि स्टाम्प शुल्क माफ होने अथवा सांकेतिक रूप से एक रूपया होने की दिशा में शहरी पथ विक्रेता इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाकर ऋण प्राप्त कर सकेंगें और मा0 प्रधानमंत्री जी की आत्मनिर्भर बनाने की संकल्पना को प्रदेश सरकार द्वारा साकार रूप दिया जा सकेगा।