नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आज जीएसटी परिषद की 37वीं बैठक गोवा में हुई। इस बैठक में केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री श्री अनुराग ठाकुर के अलावा गोवा के मुख्यमंत्री श्री प्रमोद सावंत, राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री और वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
जीएसटी परिषद ने अपनी इस बैठक में कानून एवं प्रक्रिया संबंधी निम्नलिखित बदलावों की सिफारिश की :
- एमएसएमई के लिए वित्त वर्ष 2017-18 और वित्त वर्ष 2018-19 के लिए वार्षिक रिटर्न दाखिल करने में छूट इस प्रकार होगी :
- उक्त कर अवधि के लिए कम्पोजिशन करदाताओं के लिए फॉर्म जीएसटीआर-9ए दाखिल करने की आवश्यकता में छूट,
- कुल मिलाकर दो करोड़ रुपए से अधिक कुल कारोबार वाले करदाताओं के लिए फार्म जीएसटीआर-9 (दाखिल करना अनिवार्य होगा लेकिन) उक्त अवधि के लिए वैकल्पिक होगा।
- वार्षिक रिटर्न और सुलह बयान संबंधी फॉर्म के सरलीकरण की जांच के लिए अधिकारियों की एक समिति गठित की जाएगी।
- जीएसटी अपीलीय ट्रिब्यूनल के समक्ष अपीलीय अधिकारी के आदेशों के खिलाफ अपील दायर करने की अंतिम तिथि में विस्तार क्योंकि अपीलीय ट्रिब्यूनल फिलहाल काम नहीं कर रहा है।
- करदाताओं को बाहरी आपूर्ति के संबंध में अपने बयान समय पर दर्ज करने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 37 के प्रावधानों के अनुरूप आपूर्तिकर्ताओं द्वारा इनपुट दर्ज नहीं किए जाने के मामलों में प्राप्तकर्ताओं द्वारा इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया गया है।
- रिटर्न दाखिल करने की नई व्यवस्था अप्रैल 2020 (इससे पहले अक्टूबर 2019 से लागू करने का प्रस्ताव था) से लागू होगी। इससे अक्टूबर 2019 से मार्च, 2020 की अवधि के लिए करदाताओं को फॉर्म जीएसटीआर-3बी में रिटर्न प्रस्तुत करने और फॉर्म जीएसटीआर-1 में बाहरी आपूर्ति की जानकारी देने और सिस्टम को उसे स्वीकार करने एवं उसके अनुरूप अंतिम तिथि निर्धारित करने के लिए पर्याप्त अवसर मिलेगा।
- सभी अदालतों में कानून के तहत आवेदन की एकरूपता के लिए परिपत्र जारी किया जाएगा:
- अपील अथवा किसी अन्य फोरम में अनुकूल आदेश के बाद फॉर्म जीएसटी आरएफडी-01ए में रिफंड का दावा करने की प्रक्रिया,
- उस अवधि एवं श्रेणी के लिए फॉर्म जीएसटी आरएफडी-01ए में रिफंड आवेदन दायर करने की पात्रता जिसके तहत शून्य रिफंड के लिए आवेदन पहले ही दायर किया जा चुका है,
- स्वयं अथवा बिचौलिये के खाते के संदर्भ में सूचना प्रौद्योगिकी समर्थ सेवाओं (आईटीइएस सेवाओं) (परिपत्र संख्या 107/26/2019-जीएसटी दिनांक 18.07.2019 के संदर्भ में) की आपूर्ति के बारे में स्पष्टीकरण तैयार किया जा रहा है।
- परिपत्र संख्या 105/24/2019-जीएसटी दिनांक 28.06.2019, को समाप्त करने के लिए अब-इनिटियो जिसे बिक्री के बाद छूट के संबंध में जारी किया गया था।
- जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख को केन्द्र शासित प्रदेश बनाए जाने के संदर्भ में सीजीएसटी अधिनियम, यूटीसीजीएसटी अधिनियम और संबंधित एसजीएसटी अधिनियमों में उपयुक्त संशोधन।
- 24 सितंबर, 2019 से एकल प्राधिकरण द्वारा संवितरण के साथ एकीकृत रिफंड प्रणाली।
- जीएसटी के तहत करदाताओं के पंजीकरण के साथ आधार को जोड़ने और रिफंड का दावा करने के लिए आधार को अनिवार्य बनाए जाने की संभावनाएं तलाशने का सैद्धांतिक निर्णय।
- नकली इनवॉइस और फर्जी रिफंड के खतरे से निपटने के लिए जोखिम भरे नए करदाताओं सहित जोखिमपूर्ण करदाताओं द्वारा क्रेडिट हस्तांतरण पर उचित प्रतिबंध लगाने का सिद्धांत निर्णय।
नोट: सभी हितधारकों को तत्काल जानकारी देने के उद्देश्य से इस विज्ञप्ति में जीएसटी परिषद की सिफारिशों को सरल शब्दों में प्रस्तुत किया गया है। इन्हें संबंधित परिपत्र/अधिसूचना के माध्यम से प्रभावी किया जाएगा जो अपने आप में कानून की ताकत होगी।