देहरादून: संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अपर सचिव संस्कृत विनोद प्रसाद रतूड़ी की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड में संस्कृत चैनल की स्थापना हेतु सचिवालय स्थित एफआरडीसी के सभागार में बैठक सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए अपर सचिव रतूडी ने कहा कि चैनल की स्थापना से उत्तराखण्डवासियों को संस्कृत भाषा में समाचारों के साथ ही विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी प्राप्त होगी।
उन्होने कहा कि हमारे लिये सौभाग्य की बात है कि उत्तराखण्ड में संस्कृत को द्वितीय भाषा के रूप में मान्यता मिली हुई है। उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड में संस्कृत की महान विभूतियां विद्यमान है। इस चैनल की स्थापना से राज्यवासियों के साथ ही समूचे भारतवासियों को लाभ होगा।
उक्त अवसर पर वी.सी. संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार प्रो. महावीर अग्रवाल ने कहा कि संस्कृति चैनल की स्थापना एक अच्छी शुरूआत है। एड़वोकेट सुनील कुमार जैन ने कहा कि संस्कृति चैनल की स्थापना सभी धर्मो को एक संगठित करने का प्रयास होगा। भागवत कथा वाचक श्री जोशी ने कहा कि भारत की दो ही प्रतिष्ठा है एक संस्कृत और दूसरी भारतीय संस्कृति, इनके उत्थान के लिए सदैव प्रयासरत रहूॅगा।
बैठक के दौरान सर्वसम्मति से संस्कृत चैनल की जल्द स्थापना हो इसके लिए डाॅ श्रीकृष्ण सेमवाल (उपाध्यक्ष, उत्तराखण्ड संस्कृत अकादमी) की अध्यक्षता में कार्यक्रम समिति के सदस्य बनाये गये है जिनमें डाॅ सुरेश चरण बहुगुणा संयोजक, प्रो0 महावीर अग्रवाल (कुलपति उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार), प्रो0 सुरेन्द्र कुमार (कुलपति गुरूकुल कांगडी विश्वविद्यलय हरिद्वार), प्रो0 राधेश्याम चतुर्वेदी (अध्यक्ष भाषा एवं संवाद केन्द्र, देव संस्कृति विश्वविद्यालय शान्तिकुंज, हरिद्वार), डाॅ. भोला झा(प्राचार्य, श्री भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय हरिद्वार), ऐडवोकेट श्री सुनील कुमार जैन, श्री नरेन्द्र जीत सिंह बिन्द्रा (अध्यक्ष हेमकुण्ड साहिब ट्रस्ट एवं अल्पसंख्यक आयोग), तथा श्री एस.ए.अंसारी होंगे।