नई दिल्ली: प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के सचिव श्री सी. विश्वनाथ ने नागरिक केंद्रित प्रदाता प्रणाली में प्रभावशाली और कारगर पहलों पर आज गुवाहाटी में दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। सम्मेलन का आयोजन कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग ने असम सरकार के सहयोग से किया है।
अपने उद्घाटन वक्तव्य में श्री सी. विश्वनाथ ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रशासनिक सुधारों के लिये कई कदम उठाये हैं और सुधार, कामकाज और परिवर्तन की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार कोई अलग इकाई नहीं है, और उसे जनता बनाती है। हम आमतौर पर यह मान लेते हैं कि सरकार रोजमर्रा की चीज है और उत्तरदायित्वों, पारदर्शिता आदि से अलग है, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस अवधारणा को सुधारकर सरकारी स्तर पर सुधार, कामकाज और परिवर्तन में तेजी ला दी है।
असम के प्रशासनिक सुधार एवं प्रशिक्षण विभाग के प्रमुख सचिव श्री पवन कुमार बोरठाकुर ने अपने परिचयात्मक वक्तव्य में सम्मेलन के महत्व और उसकी रूपरेखा पर प्रकाश डाला।
असम की अवर प्रमुख सचिव श्रीमती टी.वाई. दास ने सुशासन का उल्लेख करते हुये आग्रह किया कि सरकार को ज्यादा उत्तरदायी, पारदर्शी और नागरिक केंद्रित बनाया जाना चाहिये ताकि लोगों की आकांक्षायें पूरी की जा सकें।
सम्मेलन में पूर्वोत्तर क्षेत्र के आठ राज्यों सहित पूर्वी क्षेत्र के चार राज्य यानी पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और झारखंड तथा डीएआरपीजी के आला अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं।
इस अवसर पर प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग की संयुक्त सचिव श्रीमती स्मिता कुमार, डीएआरपीजी की निदेशक श्रीमती अल्पना शुक्ला राव, असम प्रशासनिक स्टाफ कॉलेज के निदेशक श्री अन्जन चक्रवर्ती और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।