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पंजीकृत व्यापारियों को ही व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना का लाभ मिलेगा

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वाणिज्यकर विभाग में पंजीकृत व्यापारियों के हित में जोखिम व्यक्तिगत दुघर्टना बीमा योजना संचालित की जा रही है। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में अग्रणी भूमिका निभाने वाले व्यापारी बन्धुओं के लिए प्रदेश सरकार द्वारा व्यापारी दुघर्टना बीमा योजना संचालित की गयी है, पंजीकृत व्यापारियों को ही इस योजना का लाभ मिलेगा।

यह जानकारी वाणिज्यकर आयुक्त श्री मृत्युंजय कुमार नारायरण ने दी। उन्होंने योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना में मृतक पंजीकृत व्यापारी की विधिक विवाहिता पत्नी/पति, को बीमा की राशि प्रदान की जायेगी। मृतक पंजीकृत व्यापारी के यदि दो या दो अधिक विधिक पत्नियाॅं जीवित हैं तो बीमित धनराशि बराबर-बराबर बाॅट दी जायेगी। उस दशा में जहाॅ उक्त पति/जीवित न हो तो बीमा कम्पनी बीमित धनराशि का भुगतान उस नामिनी को करेगी जिसका नामिनेशन पंजीकृत व्यापारी द्वारा मृत्यु से पहले कर दिया गया हो या नामिनेशन न होने की दशा में सक्षम न्यायालय द्वारा जारी उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र एवं सम्बन्धित संयुक्त आयुक्त (कार्य0/कारपो0) वाणिज्यकर संस्तुति के आधार पर करेगी।
उन्होेंने बताया कि यदि पंजीकृत व्यापारी अविवाहित है तो प्रथमतः पिता को, पिता के जीवित न होने की दशा में माता को दोनो के जीवित न होने की दशा में सक्षम न्यायालय द्वारा प्रदत्त उत्तराधिकार प्रमाण पत्र के आधार पर उत्तराधिकारी/लाभार्थी को बीमित राशि का भुगतान किया जायेगा।
श्री एम0 के0 नारायण ने दावे के भुगतान की प्रक्रिया के बारे में बताया कि दावा प्रपत्र खण्डाधिकारी/ज्वा0कमि0 (कार्य0/कारपो0) वाणिज्य कर के कार्यालय में उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त दावा प्रपत्र विभागीय वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। दावा खण्डाधिकारी/ज्वा0कमि0 (कार्य0/कारपो0) वाणिज्यकर के माध्यम से निम्नलिखित प्रपत्रों के साथ समयान्तर्गत प्रेषित किये जा सकते हैं-दावा प्रपत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, प्रथम सूचना रिर्पोट, पंचनामा रिर्पोट, किसी जहर द्वारा मृत्यु की दशा में फोरेन्सिक लैब रिर्पोट, पंजीयन प्रमाण पत्र, वैट व्यवस्था के अन्तर्गत लागू नवीन फार्म-11 की सत्यापित प्रति, प्रथम गवाह का बयान, नामिनी का फोटोग्राफ एवं हस्ताक्षर जो खण्डाधिकारी /ज्वा0कमि0(कार्य0/कारपो0) वाणिज्यकर द्वारा प्रमाणित किये गये हो, दावे के समर्थन हेतु, अन्य अभिलेख यदि उपलब्ध हो प्रस्तुत करने होगें।

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