लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने व्यापरियों के हित में उनके घर बैठे ही आनलाईन पंजीकरण कराने की सुविधा प्रदत्त की है। व्यापारी फार्म-38 जो 50 रुपये कीमत देकर प्राप्त करते थे उसकी शुल्क घटाकर मात्र 05 रुपये कर दी है। अब फार्म-38 व्यापारियों को मात्र पांच रुपये में मिल रहा है। पंजीकृत व्यापारियों को व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना का लाभ देने की व्यवस्था की गई है। इस योजना के तहत 05 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि प्रभावित व्यापारी के परिवार के आश्रितों को दी जायेगी।
राज्य सरकार ने रु0 पच्चीस लाख तक वार्षिक टर्नोवर वाले व्यापारियों को बड़ी राहत देते हुए अब केवल पारदर्शी प्रक्रिया द्वारा चयनित वादों की सुनवाई करके पारित किए जायेंगे। शेष व्यापारी स्वतः ही कर निर्धारित समझे जायेंगे। प्रान्त के बाहर से माल लाने पर अर्थदण्ड को कम करते हुए माल के मूल्य के 40 प्रतिशत की वर्तमान व्यवस्था के स्थान पर 05 प्रतिशत तक कर की दर वाली वस्तुओं पर 15 प्रतिशत तथा 12.5 प्रतिशत $ अतिरिक्त कर की वस्तुओं पर देय कर का दोगुना अर्थदण्ड के प्राविधान कर दिए गए हैं। व्यापारियों द्वारा दाखिल की जाने वाली वार्षिक विवरणी फार्म-26 को समाप्त करके इसके स्थान पर समेकित विवरणों को सरलीकृत व्यवस्था प्राविधानित कर दी गई है। फार्म-38 के शुल्क को 50/- प्रति फार्म से घटाकर 05 रुपये /- प्रति फार्म कर दिया गया है। फर्म स्वामी की मृत्यु के उपरान्त उसके उत्तराधिकारी उस व्यापार को पुराने टिन पर निर्बाध चला सके तथा ऐसे व्यापार के संबंध में स्टाॅक पर आई0टी0सी0 का लाभ भी स्वतः ही मिल सके, इसके लिए अधिनियम में संशोधन कर दिया गया है। व्यापारियों के द्वार पर पंजीयन सुविधा लागू की गई है तथा निर्गत पंजीयन आनलाइन संशोधन की सुविधा भी प्रदान की दी गई है। अब व्यापारी घर बैठे ही आनलाईन प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करके पंजीयन प्राप्त कर सकते है तथा ऐसे पंजीयन में संशोधन भी करा सकते है।
शासन द्वारा समाधान योजना अपनाने वाले व्यापारियों द्वारा अपंजीकृत व्यापारियों से खरीद किए जाने पर कर देयता को समाप्त कर दिया है तथा इसके लिए अधिनियम में आवश्यक संशोधन कर दिया गया है। वादों की सुनवाई हेतु आनलाइन नोटिस एवं आदेश जारी करने की व्यवस्था लागू की गई है। विभाग में पंजीयन लेने वाले व्यापारियों की हत्या/दुर्घटना होने पर मृत्यु की दशा में 05 लाख रु0 की बीमा की सुविधा प्रदान की जा रही है। विभाग द्वारा प्रांत अंदर खरीद-बिक्री करने वाले 50 लाख रु0 तक के विक्रय धन वाले छोटे व्यापारियों के लिए समाधान योजना लागू की गई है। इस योजना के अंतर्गत विक्रय धन की 0.5 प्रतिशत समाधान प्रत्येक त्रैमास में जमा करनी होती है तथा केवल वार्षिक रिर्टन दाखिल करना होता है। भारत सरकार के सर्वोत्तम माडल के दृष्टिगत वाणिज्यकर मुख्यालय लखनऊ में केन्द्रीय कठिनाई निवारण सेल (सी0जी0आर0सी0) तथा जोन स्तर जोनल कठिनाई निवारण (जेड0जी0आर0सी0) स्थापित किए गए हैं। आयात घोषणा पत्र (फार्म-38) की व्यवस्था को अधिक सुचारू रूप से क्रियान्वित करने हेतु यूनिक नंबर की ई-संचरण व्यवस्था प्रभावी की गई है। विभाग के कार्य कलापों को गति प्रदान करने, प्रवर्तन संबंधी कार्यों आदि में त्वरित संदेश प्रसारित करने के लिए शासन द्वारा विभागीय अधिकारियों हेतु बी0एस0एन0एल0 की तरंग योजना स्वीकृत की गई है। विभाग द्वारा व्यापारियों के द्वार पर पंजीयन की व्यवस्था प्रारम्भ कर दी गई है। इस व्यवस्था के अंतर्गत व्यापारियों को घर बैठे ही पंजीयन हेतु प्रार्थना पत्र को विभागीय वेबसाइट पर अपलोड किए जाने पर विभाग द्वारा आॅन लाईन पंजीयन दिए जाने की सुविधा प्रदान की गई है। व्यापारियों को पूर्व में निर्गत पंजीयन में आनलाईन संशोधन की सुविधा भी प्रदान कर दी गई है।