नई दिल्ली: राजनीतिक दलों का पंजीकरण जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 29(ए) के प्रावधानों द्वारा शासित है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 तथा जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 29(ए) के तहत प्रदत्त अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित किए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार उक्त धारा के अंतर्गत आयोग के साथ पंजीकरण चाहने वाले राजनीतिक दल को अपने गठन की तिथि से लेकर 30 दिन की अवधि के भीतर आयोग के पास आवेदन जमा कराना होता है। मौजूदा दिशा-निर्देशों के अनुसार आवेदक संस्था को पार्टी के प्रस्तावित नाम को दो राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्रों और दो स्थानीय दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित कराने को कहा जाता है। इस प्रकार के प्रकाशन के 30 दिन के भीतर आयोग के समक्ष प्रस्तावित पंजीकरण के बारे में यदि कोई आपत्ति हो तो उन्हीं समाचार पत्रों में दो दिन तक उन्हीं समाचार पत्रों में प्रकाशित कराना होता है।
3. आयोग ने लोकसभा और आंध्रप्रदेश, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश विधानसभाओं के लिए 10 मार्च, 2019 को चुनाव कराने की घोषणा की है। इसलिए, वर्तमान चुनावों को देखते हुए, आयोग ने एक बार समय में छूट दी है और 10 मार्च, 2019 अर्थात चुनाव की घोषणा वाली तिथि को अपने सार्वजनिक नोटिस प्रकाशित कराने वाले दलों के लिए नोटिस की अवधि 30 दिन से घटाकर 7 दिन कर दी है।
4. अब, इसलिए यदि किसी को 10 मार्च, 2019 को अपना सार्वजनिक नोटिस प्रकाशित कराने वाले किसी भी राजनीतिक दल के पंजीकरण को लेकर कोई आपत्ति है, तो वह उस दल के खिलाफ अपनी आपत्ति 17 मार्च, 2019 तक दर्ज करा सकता है।