नई दिल्लीः स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने ऑक्सीटोसीन संरूपणों के उत्पादन को केवल सार्वजनिक क्षेत्र के घरेलू उपयोग तक सीमित कर दिया है। इसने ऑक्सीटोसीन एवं इसके संरूपणों के आयात को प्रतिबंधित कर दिया है।
हिमाचल प्रदेश, शिमला के उच्च न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश राज्य एवं अन्य बनाम ‘अपने खुद के प्रस्ताव पर न्यायालय’ शीर्षक वाले 2014 के सीडब्ल्यूपीआईएल संख्या 16 के 15.03.2016 के अपने निर्णय में टिप्पणी की थी कि ऑक्सीटोसीन दवा का गुप्त रूप से बड़े पैमाने पर उत्पादन और बिक्री की जा रही है जिससे इसका व्यापक दुरुपयोग हो रहा है जो मनुष्यों एवं पशुओं के लिए हानिकारक है। न्यायालय ने यह भी टिप्पणी की थी कि ऑक्सीटोसीन के उत्पादन को केवल सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों तक रखने की संभाव्यता पर विचार किया जाना चाहिए।
इस मसले पर ड्रग्स एवं कॉसमेटिक्स अधिनियम, 1940 के तहत गठित एक वैधानिक निकाय ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड द्वारा विचार किया गया था। बोर्ड ने अनुशंसा की थी कि मानव उपयोग के लिए ऑक्सीटोसीन संरूपणों को नियमित किया जाए एवं इसकी आपूर्ति सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र में केवल पंजीकृत अस्पतालों एवं क्लीनिकों तक सीमित की जाए जिससे कि इसका दुरुपयोग रोका जा सके।