नई दिल्ली: भूकंप प्रतिरोधी निर्माण को सक्षम बनाने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और निर्माण सामग्री एवं प्रौद्योगिकी संवर्द्धन परिषद (बीएमपीटीसी) ने देश के भूकंप संभावित क्षेत्रों का एक ‘सरल’ मानचित्र जारी किया है। इसमें जिला और तहसील स्तर के विवरण भी दिए गए हैं। इन मानचित्रों को आज यहां आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री श्री एम. वेंकैया नायडू ने जारी किया।
इन मानचित्रों को ‘कलर कोड’ के आधार पर बनाया गया है, जिनमें पांच विभिन्न क्षेत्रों को प्रदर्शित किया गया है जहां भूकंप की संभावना सबसे अधिक है। इसका उद्देश्य आवश्यक तकनीकी सहयोग से आपदा प्रतिरोधी निर्माण की योजना बनाने में सहायता करना है। एनडीएमए की पहल पर इन मानचित्रों को बीएमपीटीसी और आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय ने तैयार किया है।
एनडीएमए और बीएमपीटीसी के संयुक्त प्रयास की प्रशंसा करते हुए श्री नायडू ने दोनों एजेंसियों से आग्रह किया कि वे अतिशीघ्र इन मानचित्रों का डिजिटलीकरण करें ताकि जनता इन्हें आसानी से इस्तेमाल कर सके। उन्होंने सुझाव दिया कि इन मानचित्रों का मोबाइल ऐप्प भी तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि इन मानचित्रों से वस्तुकारों, इंजीनियरों, योजनाकारों, बीमा एजेंसियों और आपदा शमन एजेंसियों इत्यादि को सहायता होगी।
बीएमपीटीसी के कार्यकारी निदेशक श्री शैलेश अग्रवाल ने कहा कि देश के 304 मिलियन मकानों में से लगभग 95 प्रतिशत मकान किसी न किसी स्तर पर भूकंप का प्रतिरोध करने में सक्षम नहीं हैं। बीएमटीसी ने इन मानचित्रों को भारतीय सर्वेक्षण विभाग, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, भारत मौसम विज्ञान विभाग और भारत की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर बनाया है।
इन मानचित्रों में आवास और जनसंख्या आकंड़े, रेलवे लाइन, एक्सप्रेस-वे, राजमार्ग, नदी, जलस्रोत, भूगर्भीय फॉल्ट लाइन आदि की जानकारी भी शामिल की गई है।
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