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ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग उत्तराखण्ड द्वारा प्रस्तुत जनपद अल्मोड़ा की रिपार्ट का विमोचन करते हुएः सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत

उत्तराखंड

देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग उत्तराखण्ड द्वारा प्रस्तुत जनपद अल्मोड़ा की रिपोर्ट का विमोचन किया। इस रिपोर्ट में जनपद अल्मोड़ा के ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास को सुदृढ़ करने एवं पलायन के कम करने के उपायों पर सुझाव दिये गये हैं। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पलायन को रोकने के लिए जिन जनपदों का सर्वे हो चुका है। उन जनपदों के लिए आगे के लिए एक्शन प्लान तैयार किया जाए। पलायन को कैसे नियंत्रित किया जाए व किस प्रकार रिवर्स माईग्रेशन हो इसके लिए सुनियोजित तरीके से रोड मैप बनाया जाए।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन को रोकने के लिए जन सुविधाओं पर ध्यान देने की जरूरत है। किस क्षेत्र को कैसे विकसित किया जा सकता है इस पर भी गहन अध्ययन किया जाए। होम स्टे, स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देने, कृषि, बागवानी, स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उत्पादों की ब्रांडिंग व पैकेजिंग पर विशेष ध्यान दिया जाय। उन्होंने कहा कि पलायन को रोकने के लिए व रिवर्स माईग्रेशन के लिए सक्सेस स्टोरी पर आधारित डोक्यूमेंटरी फिल्में बनाई जाय। पर्यटन, खेती, बागवानी व अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर डाक्यूमेंटरी बनाई जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन को रोकने व रिवर्स माइग्रेशन के लिए विशेषज्ञों व विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले बुद्धिजीवी वर्ग से भी सुझाव लिये जाएं।

ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग द्वारा अभी तक चार रिपोर्ट सरकार के समक्ष प्रस्तुत की  जा चुकी हैं।  आयोग द्वारा ग्राम पंचायतों में पलायन के विभिन्न पहलुओं पर अंतरिम रिपोर्ट, प्रकृति आधारित पर्यटन (ईको टूरिज्म) के विश्लेषण व सिफारिश पर आधारित  द्वितीय रिपोर्ट, जनपद पौड़ी के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास को सुदृ़ढ़ बनाने व पलायन को कम करने से सम्बन्धित तृतीय रिपोर्ट पूर्व में सरकार के समक्ष प्रस्तुत की जा चुकी है।

ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष श्री एस.एस. नेगी ने कहा कि सामाजिक-आर्थिक विकास को सुदृ़़ढ़ करने व पलायन को कम कम करने के लिए राज्य के विभिन्न जनपदों के ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर विशेषज्ञों व स्थानीय लोगों के साथ विचार विमर्श किया गया। विभिन्न विश्वविद्यालयों व संस्थानों  पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन पर अंकुश लगाने के लिए विषय विशेषज्ञों व छात्रों के भी सुझाव लिये गये। शासन स्तर पर भी बैठकें आयोजित की गई।

उपाध्यक्ष, ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग द्वारा अवगत कराया गया कि आगामी वर्ष में जनपद पिथौरागढ़ एवं टिहरी के ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन और सम्बन्धित आर्थिक एवं सामाजिक मुद्दों के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण कर सामाजिक-आर्थिक विकास को सृदृढ़ बनाने एवं पलायन को कम करने पर रिपोर्ट तैयार की जायेगी। इसके साथ ही ग्राम्य विकास पर उत्तराखण्ड सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा संचालित योजनाओं का आंकलन कर पलायन को कम करने में सहायक सुझाव सरकार को प्रस्तुत करना भी आयोग के कार्यों में प्रस्तावित है।

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