नई दिल्ली: यह प्रेस विज्ञप्ति सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) के आंतरिक पुनर्गठन से संबंधित हालिया मीडिया रिपोर्टों पर स्पष्टीकरण देने के लिए जारी की गई है। डॉ. सी. रंगराजन की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग ने अन्य बातों के अलावा एक राष्ट्रीय सांख्यिकीविद की अध्यक्षता वाले राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) का गठन करने की सिफारिश की थी जिसे अधिकारिक आंकड़े पेश करने के लिए समुचित स्वायत्तता एवं स्वतंत्रता प्राप्त होगी, जैसा कि अन्य देशों में प्रचलित है। सरकार ने इन सिफारिशों को स्वीकार करते समय मई, 2005 में तत्कालीन केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) और राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (एनएसएसओ) का विलय कर भारत के मुख्य सांख्यिकीविद की अध्यक्षता में एनएसओ का गठन करने की मंजूरी दी थी। एनएसओ सांख्यिकी के क्षेत्र में सरकार के कार्यकारी प्रकोष्ठ के रूप में अपनी सेवाएं देने के लिए तभी से अस्तित्व में था और भारत के मुख्य सांख्यिकीविद (सीएसआई) एवं सचिव इसके एकमात्र पदाधिकारी थे। पुनर्गठन के तहत सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) की प्रशासनिक, समन्वयकारी एवं नियोजन गतिविधियों को भी एनएसओ के दायरे में ला दिया गया है जिसकी अध्यक्षता अब भी सीएसआई एवं सचिव कर रहे हैं और जिसका उद्देश्य सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) की सांख्यिकीय गतिविधियों को आवश्यक प्रशासनिक सहयोग प्रदान करना है।
आंतरिक पुनर्गठन प्रक्रिया शुरू की गई, ताकि उपलब्ध सांख्यिकीय श्रम बल के बीच अपेक्षाकृत अधिक सामंजस्य सुनिश्चित किया जा सके और न केवल सर्वेक्षण से जुड़े डेटा, बल्कि प्रशासनिक आंकड़ों के लिए भी संबंधित डेटा की गुणवत्ता बेहतर की जा सके। वर्ष 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की प्राप्ति की दिशा में भारत की प्रगति पर करीबी नजर रखने के लिए सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) ने एक राष्ट्रीय संकेतक रूपरेखा (फ्रेमवर्क) तैयार की है जिसके तहत क्षेत्रीय (फील्ड) संरचनाओं से बड़े पैमाने पर डेटा के प्रवाह के साथ-साथ प्रौद्योगिकी का व्यापक उपयोग भी जरूरी है। इसके तहत राज्य सरकारों की सक्रिय एवं निरंतर सहभागिता भी आवश्यक है और इसके साथ ही राज्यों में एनएसएस की क्षेत्रीय मौजूदगी भी जरूरी है क्योंकि आधिकारिक सांख्यिकी प्रणाली से जुड़ा उसका ज्ञान और अनुभव उसके मौजूदा कार्यकलापों के अलावा इस प्रक्रिया में भी अत्यंत सक्रिय भूमिका निभा सकता है। फिलहाल जारी सातवीं आर्थिक गणना के तहत एनएसएस के क्षेत्रीय परिचालन प्रभाग के क्षेत्रीय (फील्ड) अधिकारीगण विभिन्न परिवारों और उद्यमों से प्राप्त हो रहे डेटा के संग्रह के पर्यवेक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) के आंतरिक पुनर्गठन का उद्देश्य इसकी स्वायत्तता को बरकरार रखते हुए राष्ट्रीय सांख्यिकी प्रणाली को मजबूत करना है। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) के विभिन्न प्रभाग (डिवीजन) पहले की ही तरह अपने-अपने कार्यों में पूरी तरह से जुटे हुए हैं। इसके अलावा, राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (एनएससी) की भूमिका एवं दर्जा अब भी यथावत है और यह पहले की ही तरह अब भी सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) में अंतर्निहित राष्ट्रीय सांख्यिकीय प्रणाली, संबंधित मंत्रालयों एवं राज्य सरकारों को रणनीतिक दिशा एवं नेतृत्व प्रदान करने की समग्र जिम्मेदारी निभा रहा है।
मंत्रालय अब भी विभिन्न उपयोगकर्ताओं (यूजर) को आधिकारिक आंकड़े एवं रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। दरअसल, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) ने सांख्यिकीय डेटा के प्रसार से जुड़े अपने दिशा-निर्देशों में संशोधन किए हैं और अब सभी उपयोगकर्ताओं को डेटा मुफ्त में अथवा नि:शुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है।