सहारनपुर: उत्तर प्रदेश में सहारनपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उपेन्द्र अग्रवाल ने बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज कराकर मुकरने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। श्री अग्रवाल ने शुक्रवार को यहां बताया कि जिले में बलात्कार के दर्ज मामलों की जांच में अभी तक 24 मामले झूठे पाए गए हैं और उन मामलों को बंद कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि नकुड़ में कुछ दिन पूर्व ही महिला ने सामूहिक बलात्कार का मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें गांव के कई युवाओं पर आरोप लगाए थे। आरोपी महिला ने 161 के बयान में आरोप का समर्थन किया था।
पुलिस ने महिला की मैडिकल जांच पूरी करने के बाद अदालत में 164 के बयान दर्ज कराए तो वहां वह दुष्कर्म के आरोपों से मुकर गई।उन्होंने बताया कि पुलिस ने मुकदमें में अंतिम रिपोर्ट लगा दी। इसी तरह थाना बिहारीगढ़ के एक कालेज में छात्रा ने अपने साथी दो युवकों पर सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। जांच के बाद 164 के बयान में छात्रा आरोपों से मुकर गई थी। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी मामलों में मुकदमा दर्ज कराकर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
श्री अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2०18 में जुलाई माह में रेप के 3० मुकदमें जिले के विभिन्न थानों में दर्ज कराए गए थे। ज्यादातर मामलों में जांच में न तो रेप की पुष्टि हुई और ना ही छेड़छाड़ की पुष्टि हो पाई, जिस कारण पुलिस को मुकदमें बंद करने पड़े लेकिन झूठे मुकदमों के कारण जहां निर्दोष लोगों को बेवजह परेशान होना पड़ा, वहीं पुलिस की प्रतिष्ठा पर भी प्रश्नचिन्ह लगता है। इस बीच प्रमुख समाज शास्त्री डा. दिनेश सिंघल का कहना है कि महिलाओं को यह मालूम है कि बलात्कार के आरोपों में पुलिस संवेदनशीलता दिखाते हुए तत्काल कार्रवाई करती है। इस कारण बहुत से मामले ब्लैकमेलिंग, रंजिश और नाजायज धन ऐंठने के चक्कर में भी फर्जी मुकदमें दर्ज कराये जाते हैं।