नई दिल्ली: आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि रेरा के इस नए युग में हम उद्योग में सकारात्मक परिवर्तन देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि रेरा के कार्यान्वयन का यह दूसरा वर्ष है, और मुझे खुशी है कि सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों ने रेरा के अंतर्गत नियमों को अधिसूचित कर दिया है। केवल छह पूर्वोत्तर राज्य और पश्चिम बंगाल में नियमों को अधिसूचित नहीं किया गया है। आज नई दिल्ली में ‘रेरा – रियल एस्टेट में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व का नया युग – कार्यान्वन के दो वर्ष और आगे की दिशा’ विषय पर तीसरी क्षेत्रीय कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए श्री पुरी ने यह कहा।
श्री हरदीप पुरी ने रियल एस्टेट सेक्टर में समानता, व्यावसायिकता और मानकों को रेखांकित करते हुए बताया कि रेरा के तहत सभी एजेंटों तथा परियोजनाओं का पंजीकरण अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि अब तक पूरे भारत में 33,750 परियोजनाओं और 26,018 एजेंटों का पंजीकरण हो चुका है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में परियोजनाओँ और एजेंटों का पंजीकरण सबसे अधिक हुआ है। वहां कुल 18,392 परियोजनाओं और 17,188 एजेंटों का पंजीकरण किया गया है।
कार्यक्रम में दिल्ली के उपराज्यपाल श्री अनिल बैजल, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, विभिन्न हितधारक, डेवलेपर संघ के प्रतिनिधि, घरों के खरीदार, प्राधिकरणों तथा अपीलीय न्यायाधिकरणों के वरिष्ठ अधिकारी, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़ और दिल्ली राज्य सरकारों के आला अधिकारी उपस्थित थे।