16.4 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह को असम बाढ़ पर शोध रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

देश-विदेश

नई दिल्लीः केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वतंत्र प्रभार), प्रधान मंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत व पेंशन, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह को असम की दिल्ली एल्युमनाइ एसोसिएशन ने असम बाढ़ पर एक शोध रिपोर्ट प्रस्तुत की।

      डॉ. जितेन्द्र सिंह ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि प्रत्येक वर्ष पूर्वोत्तर विशेष कर अरूणाचल प्रदेश, असम और मणिपुर में बाढ़ के आने से जान-माल का नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि भविष्य के लिए एक गम्भीर और समग्र रणनीति की आवश्यकता है ताकि इस तरह के नुकसान को रोका जा सके।

      डॉ. जितेन्द्र सिंह ने बताया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ने अपनी ओर से पहल करते हुए असम में गुवाहाटी यूनिवर्सिटी में ब्रह्मपुत्र अध्ययन केंद्र स्थापित करने में मदद की है। उन्होंने बताया कि इस केंद्र काम करना शुरू कर दिया है और पिछले कुछ महीनों में शोध रिपोर्ट भी तैयार हुई हैं, जिनमें बाढ़ की स्थिति में नियंत्रण और बचाव संबंधी उपायों की जानकारी दी गई है। श्री सिंह ने बताया कि विदेशी विशेषज्ञों को भी इस कार्य में शामिल किया जा रहा है।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार सदैव पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों के साथ विषम परिस्थितियों में खड़ी रही है और केंद्र सरकार ने बाढ़ की स्थिति में पूर्वोत्तर भारत के लोगों का साथ दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष जुलाई और अगस्त में भीषण बारिश के कारण जान-माल का नुकसान हुआ तो प्रधानमंत्री ने स्वयं पूर्वोत्तर का दौरा किया और बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की और असम, अरूणाचल प्रदेश और मणिपुर के लिए 2000 करोड़ रूपये की राशि की सहायता की।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने दिल्ली एल्युमनाइ एसोसिएशन को सुझाव दिया कि वे अपनी शोध रिपोर्ट को नीति आयोग के साथ साझा करें, क्योंकि नीति आयोग में पूर्वोत्तर भारत के लिए अलग से फोरम है। उन्होंने कहा कि वे अपने मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ शोध रिपोर्ट पर चर्चा के लिए एक बैठक का आयोजन करेंगे।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More