लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सिंचाई, सिंचाई यांत्रिक एवं लघु सिंचाई मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि नहरों पर लगातार निरीक्षण करते रहें तथा पानी का अपव्यय रोककर किसानों को अधिक सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध करायें। श्री सिंह ने अधीक्षण अभियन्ता पंचम मण्डल सिंचाई कार्य बरेली के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम गठित किया जो नहरों का 01 जुलाई से 15 जुलाई तक निरीक्षण कर पानी के अपव्यय को रोकने के लिए संबंधित अधिशासी अभियन्ताओं को निर्देशित करेंगे।
श्री धर्मपाल सिंह आज सिंचाई विभाग बरेली के निरीक्षण भवन में समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को उपरोक्त निर्देश दिये। मुख्य अभियन्ता स्तर-1 रूहेलखण्ड ने सिंचाई मंत्री को अवगत कराया कि बदाँयू सिंचाई परियोजना अन्तर्गत बरेली स्थित रामगंगा बैराज एवं मुख्य नहर का हैड रेगुलेटर का कार्य पूर्ण हो गया है, जिसका लोकापर्ण मुख्यमंत्री जी द्वारा अक्टूबर माह में किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इसके अवशेष कार्यों को शीघ्रता से पूर्ण कराया जायेगा।
लघु सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने सिंचाई मंत्री को अवगत कराया कि बरेली के आंवाल तहसील में पीलिया नदी के पुनर्जीवीकरण हेतु लघु सिंचाई द्वारा 18 किमी0 के नदी का सर्वेक्षण कार्य किया जा चुका है, जिसमें चैकडैम बनाया जाना है। नदियों के पुनर्जीवीकरण पर विशेष बल देते हुए सिंचाई मंत्री ने कहा कि एक जनमत तैयार करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाये। श्री सिंह ने भूगर्भ विभाग के अधिशासी अभियन्ता को निर्देश दिये कि ‘‘पानी बचाव, पानी का कम प्रयोग करें’’ की कार्य योजना बनाने के निर्देश दिये।
सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने सिंचाई मंत्री को बाढ़ के संबंध में अवगत कराया कि अनुरक्षण से संबंधित कार्य पूर्ण करा लिये गये हैं तथा जो कार्य चल रहे हैं वे भी सुरक्षित स्तर तक पहुँच चुके हैं। संवेदनशील स्थलों पर पर्याप्त रिजर्व स्टाॅक उपलब्ध है, जिसे बाढ़ काल में आवश्यकता पड़ने पर उपयोग किया जा सकेगा।
बैठक में मुख्य अभियन्ता स्तर-1 सिंचाई रुहेलखण्ड, श्री एन0सी0 उपाध्याय, मुख्य अभियन्ता शारदा बरेली श्री प्रवीन कुमार, मुख्य अभियन्ता पूर्वी गंगा मुरादाबाद श्री आर0पी0 सिंह तथा अन्य संबंधित अधीक्षण एवं अधिशासी अभियन्ता उपस्थित थे।