रुड़की: नगर निकाय की सियासत में घमासान का केंद्र बने रुड़की नगर निगम में अब 24 गांव शामिल नहीं होंगे। सरकार ने शहरी विकास विभाग के सीमा विस्तार के प्रस्ताव को हरी झंडी न देने का फैसला लिया है।
रुड़की नगर निगम से पाटली गुर्जर और रामपुर गांव फिर से बाहर किए जाएंगे। हाल ही नगर निगम अधिनियम में किए गए संशोधन के बाद अब सरकार के सामने ऐसा करने को लेकर कोई तकनीकी दिक्कत नहीं है। सूत्रों के अनुसार, सरकार का इशारा पाते ही शहरी विकास विभाग अब नए सिरे से प्रस्ताव तैयार करने में जुट गया है।
नगर निकाय चुनाव इस वक्त 84 जगहों पर हो रहे हैं। हाईकोर्ट ने रुड़की नगर निगम का चुनाव 31 दिसंबर 18 तक कराने के आदेश दिए हैं। रुड़की नगर निगम में चुनाव को लेकर लंबी कानूनी लड़ाई चली है। दरअसल, पूरी लड़ाई की वजह रुड़की नगर निगम में शामिल किए गए दो गांव पाटली गुर्जर और रामपुर बने हैं।
कांग्रेस सरकार के जमाने में इन गांवों को नगर निगम में शामिल किया गया था, लेकिन त्रिवेंद्र सरकार ने नवंबर 2017 में इन दोनों गांवों को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। हालांकि उस वक्त नगर निगम एक्ट में ये व्यवस्था नहीं थी कि पहले से शामिल इलाकों को बाहर किया जा सके। मामला जब हाईकोर्ट पहुंचा, तो सरकार को झटका लगा। हाईकोर्ट ने मई 2018 में सरकार की कार्रवाई को निरस्त कर दिया। इन स्थितियों के बीच, सरकार ने कुछ समय पहले ही नगर निगम एक्ट में संशोधन कर दिया।
अब नगर निगम क्षेत्र में सरकार कोई भी क्षेत्र जोड़ और हटा सकती है। इस बीच, शहरी विकास विभाग ने 24 नए गांवों को रुड़की नगर निगम में शामिल करने का प्रस्ताव भी तैयार कर लिया था। मगर सूत्रों के अनुसार, अब ये गांव नगर निगम में शामिल नहीं किए जाएंगे।
हमने नगर निगम रुड़की में चुनाव प्रक्रिया शुरू करा दी है। हमारा मकसद हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में निर्धारित समयावधि तक चुनाव कराने का है। इसके लिए सारी तैयारी की जा रही है। अन्य निकाय, जहां पर चुनाव नहीं हो पाए हैं, उनके लिए भी कसरत चल रही है। Amar ujjala