लखनऊः मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित विद्यालयों के सेवानिवृत्त शिक्षकों तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को न्यूनतम पेंशन/पारिवारिक पेंशन 3500 रुपये प्रतिमाह किये जाने को मंजूरी प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि बेसिक शिक्षा परिषदीय सेवानिवृत्त शिक्षकों को शासनादेश दिनांक 8 मार्च, 1978 के अन्तर्गत दिनांक 1 मार्च, 1977 से नवीन पेंशन योजना लागू की गयी है।
राजकीय कर्मचारियों की भांति परिषदीय शिक्षकों को दिनांक 1 अक्टूबर, 1981 से नवीन पेंशन योजना के अन्तर्गत पारिवारिक पेंशन की स्वीकृति प्रदान की गयी। दिनांक 1 जनवरी, 2006 को तथा दिनांक 1 जनवरी, 2006 के उपरान्त सेवानिवृत्त राज्य कर्मचारियों को शासनादेश दिनांक 8 दिसम्बर, 2008 में न्यूनतम पेंशन/पारिवारिक पेंशन की धनराशि 3500 रुपये प्रतिमाह अनुमन्य की गयी है।
बेसिक विद्यालयों के शिक्षकों के पेंशन पुनरीक्षण सम्बन्धी शासनादेश दिनांक 16 सितम्बर, 2009 एवं दिनांक 28 फरवरी, 2011 द्वारा दिनांक 1 जनवरी, 2006 को ऐसे सेवानिवृत्त/मृत कार्मिकों, जिनकी अर्हकारी सेवा 33 वर्ष रही है, को पूर्व वेतनमान के सादृश्य वेतन बैण्ड में न्यूनतम वेतन तथा ग्रेड वेतन के योग के 50 प्रतिशत न्यूनतम पेंशन की व्यवस्था की गयी है, किन्तु न्यूनतम पेंशन/पारिवारिक पेंशन की धनराशि 3500 रुपये अंकित नहीं हो सकी थी।
परिषदीय शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को राज्य सरकार के कर्मचारियों की भांति न्यूनतम पेंशन/पारिवारिक पेंशन 3500 रुपये की अनुमन्यता हेतु लगभग
28.32 करोड़ रुपये का वार्षिक व्ययभार अनुमानित है। यह सुविधा दिनांक 01 जनवरी, 2006 के पूर्व अथवा उसके पश्चात् सेवा निवृत्त/मृत शिक्षकों/शिक्षणेत्तर कर्मचारियों/पेंशनरों/उनके आश्रितों पर समान रूप से 01 जनवरी, 2006 से लागू होगी।
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