देहरादून: राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर डिजीटल उत्तराखण्ड का आगाज राजस्व परिषद से किया गया। भू अभिलेखों के प्रबंधन और रख रखाव को डिजिटाइज्ड किया जायेगा। सभी तरह की रजिस्ट्री भी अब आनलाइन होगी। राष्ट्रीय भू-अभिलेख आधुनिकी कार्यक्रम (एनएलआरएपी) के तहत यह कार्य किया जायेगा। मुख्य सचिव/अध्यक्ष राजस्व परिषद राकेश शर्मा ने सोमवार को राजस्व परिषद में एनएलआरएमपी के परियोजना प्रबंधन इकाई (पीएमयू) का उद्घाटन किया।
बोर्ड मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि पहले चरण में अल्मोड़ा और पौड़ी के भू-अभिलेखों का डिजिटाइशेन किया जा रहा है। उन्होने कहा कि इसके साथ ही देहरादून, हरिद्वार और उधमसिंह नगर जनपदों को भी जोड़ दिया जाय। जमीन के नक्शों और खसरा, खतौनी के डिजिटाइज्ड होने से पारदर्शिता आयेगी। भूमि, सम्पति विवाद में कमी आयेगी। बोर्ड की बैठक में तय किया गया कि राजस्व परिषद भवन में ही अलग डाटा सेन्टर स्थापित किया जाय। आधुनिकीकरण के इस कार्य के लिए परिषद का अपना स्वतंत्र सर्वर होना इससे जमीन की रजिस्ट्री, म्यूटेशन आदि कार्यो में सहूलियत होगी। इसके लिए राजस्व पुलिस एवं भूलेख सर्वेक्षण संस्थान अल्मोड़ा में ट्रेनिंग सेल का गठन किया गया है।