देहरादून: ‘‘रिवर्स फ्रन्ट डेवलेपमेन्ट प्रोजेक्ट’’ द्वारा देहरादून के सपनों को पंख लग गये है, अब शहर का निर्धन से निर्धन व्यक्ति जिसके पास थोड़ी सी भी जमीन का मालिकाना हक है, उसकी जमीन के दाम इस परियोजना के आने से बढ़ गये है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मंगलवार को बिन्दाल नदी के पास राज्य सरकार की एमडीडीए द्वारा संचालित महत्वकांक्षी परियोजना ‘‘रिवर्स फ्रन्ट डेवलेपमेन्ट प्रोजेक्ट’’ के अवलोकन तथा निरीक्षण के अवसर पर यह बात कही।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने एमडीडीए द्वारा किये जा रहे प्रयासो की प्रंशसा करते हुए कहा कि किये जा रहे कार्य कोई विरामबिन्दु नही है मात्र एक शुरूआत है क्योंकि एमडीडीए को देहरादून के विकास व सौन्दर्यीकरण में एक गम्भीर तथा महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि जहाॅं भी एमडीडीए द्वारा आवासीय परियोजनाओ का विकास किया जा रहा है वहाॅ पर पर्याप्त पार्किग स्पेस, ग्रीन बेल्ट विकास, पार्को के निर्माण आदि पक्षों का भी ध्यान रखा जा रहा है जो कि पं्रशसनीय है। अब एमडीडीए मात्र एक इंस्पेक्टर की भूमिका में नही है बल्कि घर बनाने वाली संस्था भी बन गई है। एमडीडीए सड़को, नालों पार्को के विकास के साथ अन्य गतिविधियों को भी आगे बढ़ा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि रिस्पना तथा बिन्दाल नदिया जो एक समय बुरी अवस्था में थी अब पुनः देहरादून की जीवन रेखाएॅ (लाइफ लाइन) बन चुकी है।े सौंग का भी निरन्तर विस्तार हो रहा है इसलिए राज्य सरकार ने सीमित आर्थिक संसाधनों के बावजूद रिवर फ्रन्ट डिवलमेन्ट परियोजना के लिए 35 करोड़ रूपये की व्यवस्था की। ‘‘रिवर्स फ्रन्ट डेवलेपमेन्ट प्रोजेक्ट के अस्तित्व में आने से हजारो युवओं को रोजगार मिलेगा। यहाॅ पर व्यवसायिक गतिविधियाॅ बढ़ेगी साथ ही इस परियोजना से देहरादून को जल तथा आॅक्सीजन भी मिलेगा। एमडीडीए की इस परियोजना के द्वारा सड़कों पर टेªफिक भीड़ की समस्या भी समाप्त होगी, राजपुर से मथोरावाला तक यातायात की गति बढे़गी। वास्तव में यह परियोजना गरीब व अमीर देहरादून को जोड़ने का काम करेगी । मुख्यंमत्री ने कहा की अब एमडीडीए को ट्रांसफाॅर्मर की भूमिका निभानी चाहिये, जो कार्य राजधानी दिल्ली के विकास व सौन्दर्यीकरण में डीडीए निभा रहा है एमडीडीए को उससे भी एक कदम आगे जाकर देहरादून के विकास में रचनात्मक भूमिका निभानी है। मुख्यमंत्री ने कहा की मात्र 35 करोड़ की परियाजना के सफल संचालन से एमडीडीए की विश्वसनीयता इतनी बढ़ी है कि अब इसे 300 करोड़ का के्रडिट भी आसानी से मिल जायेगा।