लखनऊ: अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम डा0 नवनीत सहगल आज एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार की माइक्रो एण्ड स्माल इन्टरप्राइजेज क्लस्टर डेवलपमेंट (एमएसई-सीडीपी) योजना के तहत प्रस्तुत परियोजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि 10 नवंबर 2021 को एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार की 56वीं राष्ट्रीय स्तर की संचालन समिति की बैठक, सचिव, एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार की अध्यक्षता आयोजित हो रही है। बैठक में उत्तर प्रदेश की चार परियोजनाओं आगरा और कानपुर में फ्लैट फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स की स्थापना के साथ औद्योगिक उन्नयन एवं लखनऊ तथा फर्रूखाबाद के एस्टेट को अंतिम मंजूरी के लिए शामिल किया गया है।
अपर मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए किये उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले में कम से कम एक फ्लैट फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स स्थापित कराने का प्रस्ताव उपलब्ध कराया जाय। फ्लैट फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स राज्य में एमएसएमई को प्लग एंड प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करेगा। उन्होंने उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि उद्योग और उद्यम संवर्धन निदेशालय के स्वामित्व वाली औद्योगिक संपदा में उपलब्ध खाली भूखंडों /भूमि पर फ्लैट फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स की स्थापना को विशेष प्रमुखता दी जाय।
डा0 सहगल ने कहा कि राज्य के एमएसएमई को अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करने में औद्योगिक संपदा के मौजूदा औद्योगिक बुनियादी ढांचे का उन्नयन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। उन्होंने कहा कि उद्योग और उद्यम संवर्धन निदेशालय को उन औद्योगिक क्षेत्रों की पहचान करनी चाहिए जहां भौतिक बुनियादी ढांचे यानी सड़कें, जल निकासी, स्ट्रीट लाइट, जल संचयन आदि के उन्नयन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य में लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए एमएसई-सीडीपी योजना के अन्तर्गत अधिकतम अनुदान का लाभ उठाया जाय और इस योजना के तहत कम से कम 300 करोड़ रुपये का प्रस्ताव उपलब्ध कराया जाय।