देहरादून: बीजापुर अतिथि गृह में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एरोमेटिक प्लांट्स की उत्पादिकता की सम्भावनाओं एवं क्षमताओं पर समीक्षा
बैठक की। उन्होने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सगन्ध पौधों के कृषिकरण पर विशेष जोर दिया जाय। किसानों को खेती में पौधारोपण के लिए प्रोत्साहित किया जाय। उन्होने कहा कि एरोमेटिक प्लांट के अन्र्तगर्त आने वाली पादप जैसे काली जीरा, टिमूर, तेज पत्ता, भंगजीरा, पुदीना आदि में दो तीन पादप का चयन कर इनकी उपजाऊ वाली ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों को क्लस्टर से जोड़ कर उनकी आजीविका का साधन बनाये एवं विकसित करे। इन पादपों की क्षमता एवं बाजार की सर्वे कराकर शीघ्र प्रस्तुत करें। गढ़वाल एवं कुमाऊ मण्डल में दो-दो क्लस्टर सेण्टर बनाकर पाॅयलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू करें। उन्होने एरोमेटिक एवं हर्बल प्लांट के अलग अलग ढांचा शीघ्र बनाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री श्री रावत ने सगन्ध फसलों हेतु ठोस नीति बनाने के लिये अधिकारियों को निर्देश दिये जिसमें सगन्ध फसलों के कृषिकरण, वृक्षारोपण, विपणन, बीमा, ढुलान, संरक्षित खेती, कृषि यंत्र, कृषि निवेश, सिंचाई व्वस्था, मैकेनाईजेशन, प्रदर्शन, आसवन, प्रसंस्करण, गुणवत्ता नियंत्रण, कलस्टर विकास आदि बिन्दुओं को शामिल किया जाय।