देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में नमामि गंगे की समीक्षा बैठक ली। नमामि गंगे के अन्तर्गत गंगा नदी के किनारे मुख्यतः सभी 15 नगरों के लिए 32 परियोजनाये चलाई जा रही है, जबकि देहरादून में रिस्पना और बिन्दाल में एस.टी.पी के लिए सितम्बर में स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। इन परियोजनाओं के तहत एस.टी.पी का कार्य व एस.टीपी के उच्चीकरण का कार्य, नालों की टैपिंग, स्नान व शमशान घाट का निर्माण के कार्य शामिल हैं। 32 स्वीकृत परियोजनाओं में से 15 परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। जबकि 16 परियोजनाओं में कार्य प्रगति पर है। जबकि एक परियोजना पर निविदा प्रक्रिया गतिमान है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। सभी कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण कर लिए जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये की रिवर फ्रन्ट डेवलपमेंट के तहत भी कार्य किये जा रहे हैं, इसलिए उनसे तालमेल बनाकर कार्य किये जाए। ताकि भविष्य में निर्माण कार्यों में कोई बाधा उत्पन्न न हो। मुख्यमंत्री ने नमामि गंगे के तहत सीवरेज इन्फ्रास्टक्चर, सिंचाई, वैपकाॅस व वन विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों की विस्तार से समीक्षा की।
बैठक में जानकारी दी गई कि हरिद्वार में वर्तमान में एसटीपी की क्षमता 63 एमएलडी है। जबकि 04 परियोजनाएं जगजीतपुर एवं सराय की आई.एण्ड.डी परियोजना, जगजीतपुर में 68 एमएलडी, एसटीपी (हाईब्रिड पी.पी.पी.) मोड पर बनाया जा रहा है। अरिहन्त विहार, न्यू विष्णु गार्डन व कनखल में 3.65 किमी सीवर लाइन पर कार्य किया जा रहा है। कुछ एसटीपी का उच्चीकरण किया जा रहा है। इन परियोजनाओं के पूर्ण होने पर हरिद्वार नगर में एस.टी.पी की क्षमता 127 एम.एल.डी हो जायेगी। बैठक में मुनि की रेती, तपोवन, ऋषिकेश, देवप्रयाग उत्तरकाशी गंगोत्री, कीर्तिनगर, श्रीनगर, रूद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग, नन्दप्रयाग, चमोली-गोपेश्वर, जोशीमठ व बद्रीनाथ में चल रहे एसटीपी व नालों के टेपिंग कार्यों की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि दिसम्बर 2018 तक सभी कार्य पूर्ण कर लिए जाए।
वैपकाॅस द्वारा चार स्ट्रेच में 12 स्नान घाटों व 11 श्मशान घाटों का निर्माण कार्य करना था। जिसमें चण्डीघाट के स्नान घाट व श्मशान घाट पर कार्य प्रगति पर है। मुख्यमंत्री ने इसे दिसम्बर अन्त तक पूर्ण करने के निर्देश दिये। बाकि सभी घाटों का निर्माण हो चुका है। जबकि सिंचाई विभाग द्वारा 04 स्ट्रेच में 09 स्नान घाटों व 11 श्मशान घाटों का निर्माण कार्य किया जा रहा है। कुल 20 घाटों में से एक का निर्माण पूर्ण हो चुका है। जबकि शेष पर 70 प्रतिशत से अधिक कार्य पूर्ण हो चुका है। मुख्यमंत्री ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को 31 दिसम्बर तक सभी कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिये। वन विभाग द्वारा नमामि गंगे के तहत वृक्षारोपण व गंगा वाटिका बनाने का कार्य किया जा रहा है।