चम्पावत: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जनपद चम्पावत के लोहाघाट में बने ग्रोथ सेंटर का निरीक्षण कर ग्रोथ सेंटर के भवन का सुदृढ़ीकरण तथा लौह बर्तन एवं कृषि यंत्र उत्पादन मशीनों का लोकार्पण किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने लगभग 11 करोड़ 93 लाख की सात विभिन्न विकास योजनाओं के लोकार्पण के साथ ही लगभग 18 करोड़ 65 लाख लागत की 12 योजनाओं का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने ग्रोथ सेंटर के निरीक्षण के दौरान कहा कि ग्रोथ सेंटर आत्मनिर्भर भारत और वोकल फोर लोकल का अच्छा उदाहरण है, इसलिए ग्रोथ सेंटर से जुड़े लोगों के स्किल डेवलवमेंट की भी व्यवस्था की जाय। मुख्यमंत्री द्वारा राजकीय पशु प्रजनन प्रक्षेत्र नरियाल गांव का भी भ्रमण किया गया।
इसके पश्चात मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ जनपद में संचालित विभिन्न विकास योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने शासकीय योजनाओं की अद्यतन प्रगति की जानकारी प्राप्त करते हुए विकास कार्यों में और तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश की जनता को लाभान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध है। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने चिकित्सा विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि वर्तमान समय में कोविड- 19 से निपटने के लिए हम सभी को सामूहिक रूप से प्रयास करने होंगे, इसमें किसी भी प्रकार का शिथिलता न बरती जाय। कोरोना संक्रमण वायरस के नियंत्रण व रोकथाम के लिए लगातार प्रचार-प्रसार किया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग लोगों से वार्ता करें तथा वे जिस काम में रूची रखते है उस कार्य के लिए उन्हें और अधिक प्रोत्साहित कर उन्हें लाभान्वित किया जाय। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद स्वरोजगार को बढ़ावा देना है तथा प्रति व्यक्ति आय में बढोत्तरी करना है, इसलिए नियोजित तरीके से खपत की पूर्ति करने के लिए एक बेहतर योजना होनी चाहिए। उन्होंने पशुपालन विभाग को पोल्ट्री के क्षेत्र में सुनियोजित तरीके से कार्य करने को कहा। उन्होंने कहा कि कोई भी कार्य परिणात्मक होना चाहिए। मनरेगा की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिक से अधिक व्यक्तियों का पंजीकरण कराने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने जल जीवन मिशन की समीक्षा करते हुए कहा कि इस योजना के तहत एक रूपये में पानी के कनेक्शन दिये जा रहे है इसलिए विभाग प्रत्येक दिन का लक्ष्य निर्धारित कर धरातलीय कार्य करें, इसके लिए उन्होंने ग्राम व न्यायपंचायत स्तर पर कार्य योजना तैयार करने निर्देश दिए। जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार भी प्राप्त होगा। जिला योजना की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि धनराशि का व्यय रोजगारपरक योजनाओं पर अनिवार्य रूप से किया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की मंशा प्रत्येक व्यक्ति को रोजगारपरक योजनाओं से लाभान्वित करना है इसलिए स्थानीय आवश्यकताओं के दृष्टिगत स्थानीय प्रशासन निर्णय ले, ताकि आम जनमानस को योजनाओं का वास्तिवक लाभ मिल सके। उन्होंने पिरूल से बिजली उत्पादन की अत्यधिक संभावनाओं को देखते हुए कहा कि लोगो को इसके लिए प्रेरित एवं जागरूक कर जिससे वनाग्नि को काफी हद तक रोका जा सकता हैं एवं लोगो की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत किया जा सकता हैं।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी सुरेंद्र नारायण पांडे ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि जनपद में कोरोना संक्रमण के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए रणनीति के तहत कार्य किया जा रहा है। कोविड- 19 की रोकथाम हेतु स्वास्थ्य विभाग तथा जल जीवन मिशन के संबंध में जिलाधिकारी ने अवगत कराया कि इस योजनान्तर्गत विभागवार कार्ययोजना तैयार की गयी है। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त करते हुए कहा कि समीक्षा बैठक में उनके द्वारा जो आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं उनका जनपद में कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।
इस अवसर पर जनपद के प्रभारी मंत्री अरविंद पांडेय, विधायक पूरन सिंह फर्त्याल, कैलाश चन्द गहतोड़ी, जिला पंचायत अध्यक्षा ज्योति राय, दायित्वधारी हयात सिंह मेहरा, मंडलायुक्त अरविंद सिंह ह्यांकी, जिलाधिकारी सुरेंद्र नारायण पांडेय आदि उपस्थित थे।