15.6 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जनपद चम्पावत व पिथौरागढ़ की योजनाओं की समीक्षा करते हुएः उत्पल कुमार सिंह

उत्तराखंड

देहरादून: पड़ोसी देश नेपाल की सीमा चम्पावत व पिथौरागढ़ जनपद की योजनाएं तय टाइम फ्रेम के अंदर पूरी की जाये। उच्च प्राथमिकता की योजनाओं में किसी भी तरह की शिथिलता बर्दास्त नहीं की जाएगी। मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इन परियोजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। मुख्य सचिव ने वन विभाग को कल तक आरवीएम निकासी की अनुमति देने के निर्देश दिए।

बताया गया कि टनकपुर बैराज से नेपाल को शारदा नदी के किनारे भारतीय क्षेत्र में बनने वाली 1.3 कि.मी. सड़क हेतु लो.नि.वि. पीआईयू टनकपुर द्वारा 30 हजार क्यूबिक मीटर (मिट्टी एवं आरबीएम) सामग्री की ज़रूरत है। ऑल वेदर सड़क के चौड़ीकरण के दौरान निकलने वाली लगभग 20 हजार क्यूबिक मीटर सामग्री की अनुमति प्रदान कर दी गई है। शेष 11 हजार क्यूबिक मीटर सामग्री बाटनागाड़ (टनकपुर) से उठान के लिए शासन को अनुमति हेतु आवेदन किया गया है। मुख्य सचिव ने टनकपुर से ब्रह्मदेव (नेपाल) को जोड़ने वाली 1.3 कि.मी. सड़क मार्ग के निर्माण तथा टनकपुर बैराज से नेपाल की ओर 1.2 कि.मी. भारत से नेपाल की ओर बन रहे सड़क एवं नहरों के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने बताया कि लगभग 807 लाख रूपये की लागत से निर्मित होने वाली उक्त परियोजना निर्माण हेतु वन भूमि की स्वीकृति प्राप्त होने के बाद निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर कार्यदायी संस्था पीआईयू ठूलीगाड़ द्वारा कार्य प्रारम्भ किया जा चुका है। परियोजना को अक्टूबर 2018 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और परियोजना में वित्त पोषण एनएचपीसी बनबसा द्वारा किया जा रहा है।

जिलाधिकारी ने बताया कि टनकपुर से जौलजीबी की ओर निर्माणाधीन मार्ग के खलढ़ुंगा से सिरसा (नेपाल) के संयोजन हेतु काली नदी पर 400 मीटर विस्तार मोटर सेतु हेतु लोनिवि द्वारा 1145.40 लाख रूपये का आंगणन गठित कर शासन को प्रेषित किया गया है। इस सेतु के स्थल चयन हेतु लोनिवि अभियंताओं द्वारा 29 मई को नेपाल के अधिकारियों के साथ संयुक्त निरीक्षण के उपरान्त सेतु निर्माण हेतु स्थान नियत कर दिया गया है, तदनुसार ही आंगणन प्रेषित किया गया है जिस पर मुख्य सचिव ने धनराशि अवमुक्त करने हेतु भारत सरकार को पत्र प्रेषित करने के निर्देश अपर सचिव वन को दिये।

टनकपुर बैराज से नेपाल को 75 करोड़ की लागत से निर्मित होने वाली 1.2 किमी. नहर निर्माण हेतु एनएचपीसी द्वारा मैकनिकल माइन्स से कार्य करने हेतु आवेदन किया है। जिलाधिकारी ने बताया कि निर्माणदायी संस्था को कैनाल निर्माण हेतु 12 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है, जिस हेतु क्षतिपूरक वन भूमि का चयन चम्पावत में कर लिया गया है। परियोजना 18 माह में पूर्ण की जानी है। जिस हेतु निविदा प्रक्रिया गतिमान है तथा वन अधिनियम के अन्तर्गत वन भूमि क्षतिपूर्ति एनएचपीसी द्वारा जमा की जायेगी।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More