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सचिवालय में वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारियों एवं शासन वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपदा से निपटने की तैयारियों की समीक्षा करते हुएः मुख्यमंत्री

उत्तराखंड

देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने निर्देश दिए हैं कि तहसील स्तर तक ड्रोन कैमरा उपलब्ध करवाए जाएं। आपदा की स्थिति में कम्यूनिकेशन बाधित न हो। रेस्पान्स टाईम पर विशेष ध्यान दिया जाए। आपदा प्रबंधन संबंधी प्रशिक्षण सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों व शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आपदा से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की। आवश्यक उपकरणों की खरीद कर ली जाए। इसमें धन की कमी नहीं आने दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों से विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि प्रशासन को किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार रहना चाहिए। इसके लिए सभी आवश्यक प्रबंध पहले ही सुनिश्चित कर लिए जाएं। आकस्मिक परिस्थितियों में कम्यूनिकेशन टूटना नहीं चाहिए। रेस्पान्स टाईम सबसे महत्वपूर्ण है। जल्द से जल्द घटना स्थल तक पहुंचना और प्रभावितों को राहत उपलब्ध करवाने की व्यवस्था हो। चिन्हित आश्रय स्थलों पर भोजन, पेयजल, कैरोसीन, दवाईयां व अन्य आवश्यक सामग्री की व्यवस्था सुनिश्चित हो। राशन की क्वालिटी समय-समय पर चैक कर ली जाए। 15 जून तक सभी बाढ़ चैकियों को क्रियाशील कर लिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अर्धसैन्य बलों के साथ भी समन्वय स्थापित किया जाए। सेना से भी आपदा की स्थिति में पूरा सहयोग मिलेगा। इस संबंध में सेना प्रमुख से उनकी बात हुई है। प्रचार माध्यमों से बाहर से आने वाले पर्यटकों को आगाह किया जाए कि वे नदियों के समीप न जाएं। कन्ट्रोल रूम 24X7संचालित हों। मुख्यमंत्री ने ट्रैफिक प्रबंधन पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण पर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।

बैठक में सभी जिलाधिकारियों द्वारा विस्तार से जानकारी दी गई। बताया गया कि संवेदनशील भूस्खलन क्षेत्रों में वैकल्पिक मार्ग चिन्हित किए गए हैं। वर्षा से बाधित होने वाले मार्गों को कम से कम समय में खोला जा सके, इसके लिए जेसीबी, के्रन व मानव संसाधनों को संवेदनशील स्थानों पर पहले से ही तैनात किया जा रहा है। जगह जगह बनाए जाने वाले आश्रय स्थलों पर भोजन, पेयजल, कैरोसीन, दवाईयां व अन्य आवश्यक सामग्री की व्यवस्था की गई है। अधिकारियों व कर्मचारियों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। माॅक ड्रिल भी समस-समय पर आयोजित की जाती है।

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