लखनऊ: बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग और इंडियन कॉउंसिल ऑफ़ सोशल साइंस रिसर्च ने मिलकर “सांख्यिकीय डेटा प्रोसेसिंग और एनएसएसओ के यूनिट लेवल डेटा का उपयोग” विषय पर 10 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया । आज इस कार्यशाला का उद्घाटन समारोह विवि के अर्थशास्त्र विभाग के सभागार में संपन्न हुआ । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जीआईडीएस के पूर्व निदेशक प्रो सुरेन्द्र कुमार, और मुख्य वक्ता के रूप में ए.एन.एस.आई.एस.एस पटना के पूर्व डायरेक्टर प्रो डी. एम. दिवाकर, अर्थशास्त्र विभाग के डीन प्रो एन. एम. पी. वर्मा, प्रो नायक और प्रो मेहेर मंच पर उपस्थित रहें।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि हमलोग जिस भी विषय पर रिसर्च करे वह समाज के लोगो और आर्थिक परिदृश्य से मेल खाता हुआ होना चाहिए। और इस रिसर्च के लिए हम एन.एस.एस.ओ के द्वारा जारी आंकड़ों का इस्तेमाल कर सकते हैं जो कि रोजगार, बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे कई विषयों पर आंकड़े एकत्रित करता है। रिसर्च के दौरान आंकड़ों का विशेष महत्त्व होता है और किसी शोधार्थी के लिए अकेले आंकड़े एकत्रित करना आसान नही होता, इसलिए वह एन.एस.एस.ओ के द्वारा जारी आंकड़ों का इस्तेमाल कर सकते हैं। मगर इन आंकड़ों को इस्तेमाल करने में हमे सावधानी बरतने की ज़रूरत है।
समारोह के मुख्य वक्ता प्रो डी एम दिवाकर ने बताया कि किसी विषय पर रिसर्च के लिए हम सांख्यिकी तकनीको का इस्तेमाल करते हैं और बड़ी संख्या में आंकड़ों का विश्लेषण करते हैं इसलिए हमे उन सभी सांख्यिकी तकनीकों की पूरी जानकारी होना आवश्यक है। इसके साथ ही सभी शोधार्थियों को अर्थ शास्त्र के सिद्धांतों को भी समझना आवश्यक है।
अर्थशास्त्र विभाग के डीन प्रो एन एम पी वर्मा ने बताया कि सभी शोधार्थियों को शोध के दौरान 4 मुख्य बिन्दुओ को ध्यान में रखना आवश्यक है। शोध की विषयवस्तु और शोध समस्या, शोध शुरू करने से पहले इन दोनों बिंदुओं पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है । शोध विषय की प्रासंगिकता और उसके सही विश्लेषण पर भी ध्यान देना आवश्यक है।
कार्यशाला के संयोजक प्रो नायक ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यशाला की विषय वस्तु और इस कार्यशाला के महत्त्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के अंत में डॉ देवेन्द्र यादव ने समारोह में उपस्थित सभी अतिथियों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।