देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बुधवार को पर्यावरणविद सुन्दरलाल बहुगुणा द्वारा लिखित ’’रिचर्ड सेन्ट बार्ब बेकर’’ पुस्तक का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि वृक्ष मानव रिचर्ड बेकर के जीवन दर्शन एवं विचारों को हिन्दी में पुस्तक के रूप में प्रकाशित कर श्री बहुगुणा ने सराहनीय कार्य किया है।
रिचर्ड बेकर को इससे अच्छी श्रद्धांजलि नही हो सकती है। उन्होंने कहा कि हमंे प्रकृति के साथ सहयोग कर तरक्की की राह पकड़नी होगी। उन्होंने कहा कि चिपको आन्दोलन से विश्व बिरादरी में वृक्ष के प्रति जागरूकता का प्रसार हुआ। अंग्रेंजो भारत छोड़ों आन्दोलन के बाद चिपको बडा क्रान्तिकारी कदम साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि आज चीड के कारण वनों का बडा नुकसान हो रहा है। हिमालयन बायोडायवर्सिटी को चीड व सूअरो से बडा नुकसान हो रहा है। हमारा प्रयास है कि छोटे-छोटे एरिया में चीड के वृक्ष हटाकर मिश्रित जंगल विकसित किए जाए। जंगलों को बचाने के लिए वन क्षेत्रों में चाल-खाल बनाये जा रहे हैै। अधिक से अधिक वृक्षारोपण के लिए अखरोट, च्यूरा के वृक्ष पर 400 रूपयें व अन्य वृक्षों पर 300 रूपये की धनराशि बोनस के रूप में दी जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास के लिए सकारात्मक व रचनात्मक सोच के साथ आगे बढने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लोग अपनी जमीन व खेती पर ध्यान दे इसके लिए राज्य सरकार द्वारा निर्णय लिया गया कि मंडुआ, रामदाना, झंगोरा जैसी फसलों के साथ ही नींबू, संतरा, माल्टा आदि के उत्पादन पर भी बोनस दिया जायेगा।