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सूचना का अधिकार अधिनियम लोगों के मन में विश्वास पैदा करने का सशक्त माध्यम- मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश

लखनऊउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि लोकतंत्र की कसौटी है कि जनता को त्वरित एवं समयबद्ध रूप से न्याय प्राप्त हो तथा भ्रष्टाचारमुक्त व्यवस्था मिले। इसके लिए तकनीक का प्रयोग आज के परिप्रेक्ष्य में अत्यन्त महत्वपूर्ण है। उत्तर प्रदेश सूचना आयोग अपने नवीन सॉफ्टवेयर और मोबाइल ऐप का शुभारम्भ करने वाला देश का पहला राज्य सूचना आयोग है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां उत्तर प्रदेश सूचना आयोग में शिकायतों एवं द्वितीय अपीलों की ई-फाइलिंग एवं ऑनलाइन सुनवाई की सुविधा के लिए सॉफ्टवेयर (CATS-UPSIC) एवं मोबाइल ऐप (कम्प्लेण्ट व अपील टै्रकिंग सिस्टम) का शुभारम्भ करने के उपरान्त इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि तकनीक का प्रयोग कार्यों के त्वरित निस्तारण, भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगाने और मेरिट के आधार पर समयबद्ध तरीके से किसी भी कार्य को गुणवत्ता के साथ निस्तारित करने की दृष्टि से आवश्यक है। वर्ष 2005 में सूचना का अधिकार अधिनियम देश में इसी उद्देश्य से लागू किया गया था कि कोई भी व्यक्ति अपने अधिकार का सही उपयोग करके शासन से सम्बन्धित सूचनाओं को प्राप्त कर सके।
मुख्यमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश सूचना आयोग को अपने नवीन सॉफ्टवेयर और मोबाइल ऐप के लिए बधाई देते हुए कहा कि तकनीक का उपयोग करके हम किसी व्यक्ति के जीवन में सुगमतापूर्वक परिवर्तन ला सकते हैं। पहले राजस्व से जुड़े मामलों में बहुत देर होती थी। वरासत, पैमाइश तथा नामांतरण से जुड़े जो मामले ऑटोमोड में होने चाहिए, वह वर्षों लम्बित रहते थे। वर्ष 2017 में शासन की बागडोर सम्भालने के बाद उन्होंने राजस्व विभाग की समीक्षा की, तब 12 लाख से अधिक वरासत के मामले लम्बित थे। इनका समाधान 45 दिनों में हो जाना चाहिए था। जब कोई जवाबदेही नहीं होती तो ऐसा ही होता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारी सरकार ने मिशन मोड पर कार्य करते हुए लाखों मामले निस्तारित किए। यहीं से प्रदेश में जनसुनवाई पोर्टल-आई0जी0आर0एस0 की शुरुआत की गयी, जिससे लोग अपनी समस्याओं को मोबाइल के माध्यम से शासन तक पहुंचा सकें। इसके साथ ही, सी0एम0 हेल्पलाइन-1076 जारी की गयी। इनका उद्देश्य था कि शिकायतकर्ता को संतुष्टि मिले। किसी भी मामले का तब तक निस्तारण नहीं माना जाता, जब तक शिकायतकर्ता संतुष्ट न हो जाए। वर्ष 2017-18 के पहले वर्ष में ही, केवल इन दोनों प्लेटफॉर्म की मदद से सरकार ने 22 लाख से अधिक मामलों का निस्तारण करने में सफलता प्राप्त की।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ईज ऑफ लिविंग का रास्ता जनता की संतुष्टि का स्तर बढ़ने से ही प्रारम्भ होता है। एक व्यापारी की संतुष्टि का स्तर बढ़ने से ईज ऑफ डुइंग बिजनेस का मार्ग प्रशस्त होता है। यह हमें जीवन के सभी क्षेत्रों में करना होगा। तकनीक उपलब्ध है। इसका प्रयोग करते हुए कार्य करेंगे तो उसी प्रकार परिणाम भी सामने आएंगे। एक सॉफ्टवेयर को इस तरीके से बनाया जा सकता है कि जो लोग कानून का दुरुपयोग करते हैं, उन पर लगाम भी लगायी जा सके। दूसरी ओर एक जरूरतमंद को समयबद्ध व पारदर्शी तरीके से उसका अधिकार भी दिलाया जा सके। तकनीक के माध्यम से यह बहुत आसानी से हो सकता है। इसके बहुत से उदाहरण उपलब्ध हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहले उत्तर प्रदेश में खाद्यान्न घोटाले होते थे। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने प्रदेश की 80 हजार से अधिक फेयर प्राइस शॉप पर एक साथ छापेमारी करायी। इसमें 30 लाख फेक राशन कार्ड मिले। प्रदेश सरकार ने इन फेयर प्राइस शॉप को ई-पॉस मशीन से जोड़ा, जिससे घटतौली सहित अन्य समस्याओं का समाधान हुआ। आज यह प्रसन्नता का विषय है कि उत्तर प्रदेश की सार्वजनिक वितरण प्रणाली देश में सबसे उत्कृष्ट कोटि की है। वर्तमान में 96 से 98 प्रतिशत लोग प्रदेश की फेयर प्राइस शॉप से अपना खाद्यान्न बिना किसी घटतौली और समय से प्राप्त करते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि फेयर प्राइस शॉप में ई-पॉस मशीन के रूप में तकनीक के प्रयोग से राज्य सरकार को 1200 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष की बचत हुई है। सरकार इस बचत से अन्य कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से लोगों में जीवन में परिवर्तन लाने का कार्य कर रही है। प्रदेश सरकार ने फेयर प्राइस शॉप को मॉडल फेयर प्राइस शॉप बनाने की कार्यवाही को आगे बढ़ाया है। तकनीक लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने का सशक्त माध्यम बन सकती है। हमें इसका उपयोग करना होगा और दुरुपयोग करने वालों को रोकना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सूचना आयोग ने विगत 03 वर्षों में तेजी के साथ मामलों का निस्तारण किया है। इस अवधि में 01 लाख 10 हजार मामलों का निस्तारण हुआ है। सॉफ्टवेयर का सही तरीके से प्रयोग करते हुए टीम वर्क के साथ कार्यों का निस्तारण किया जाएगा, तो आने वाले समय में लम्बित मामलों को शून्य तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। यही सूचना का अधिकार अधिनियम की उपयोगिता है और यह एक नागरिक का अधिकार भी है, जो एक लोकतंत्र में उसे प्राप्त होने चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ई-फाइलिंग आज की आवश्यकता है। हमें इसकी ओर बढ़ना ही होगा, तभी एक नागरिक का लोकतंत्र और कानून के राज में विश्वास मजबूत होगा। यही राम राज्य की अवधारणा भी है। सूचना का अधिकार अधिनियम लोगों के मन में विश्वास पैदा करने का सशक्त माध्यम है। सॉफ्टवेयर या मोबाइल ऐप की उपलब्धता से किसी को भौतिक रूप से आने की आवश्यकता नहीं है। अब वे कहीं से भी अपना आवेदन कर सकते हैं और आवेदन के निस्तारण की स्थिति जान सकते हैं।
इस अवसर पर राज्य मुख्य सूचना आयुक्त, उत्तर प्रदेश श्री भवेश कुमार सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश की धारणा में बहुत परिवर्तन आया है। उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदली है। प्रदेश का तीव्र गति से औद्योगिकीकरण हुआ है। राज्य में मजबूत कानून-व्यवस्था है। मुख्यमंत्री जी ने अपना जीवन लोक कल्याण के लिए समर्पित किया है। प्रदेश की शासन व्यवस्था में पारदर्शिता, जवाबदेही लाने तथा भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था के लिए जो कार्य किए गए हैं, उससे प्रेरणा प्राप्त करते हुए उत्तर प्रदेश सूचना आयोग का आज का यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सूचना आयोग के सदस्यगण तथा वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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