हरदोई: हरदोई के डीएम पुलकित खरे एक रिक्शा चालक गरीब बच्चे की प्रतिभा से प्रभावित होकर उसके एजुकेशनल गार्जियन बने और उसकी शिक्षा के लिए निजी स्तर पर पूरा खर्च उठाने का जिम्मा लिया है। इस क्रम में अब रिक्शा चालक के होनहार बेटे का भानु का एलपीएस में एडमिशन हॉस्टल सुविधा के साथ कराया है। हॉस्टल में रहकर भानु अब पढ़ाई करेगा। डीएम के इस कदम के बाद हर जगह उनकी प्रशंसा हो रही है।
यूपी के हरदोई जिले के भरावन ब्लाक के मड़ौली मजरा कौड़िया में रहने वाले रिक्शाचालक कन्ने का करीब 3 साल का बेटा भानु बेहद प्रतिभावान है। काफी दिन पहले वह अपने गांव की प्रधान नीलम देवी के पति संतराम कश्यप के साथ डीएम पुलकित खरे के आवास पंहुचा तो डीएम ने मुलाकात करते हुए भानु की प्रतिभा को परखा। भानु ने डीएम को 1 से 40 तक का पहाड़ा बिना रुके सुना दिया था और कई प्रश्नों के उत्तर भी दिए थे। उसकी विलक्षण प्रतिभा देख डीएम पुलकित खरे ने उसका एजुकेशनल गार्जियन बनने और उसकी स्नातक तक कि पढ़ाई का खर्च निजी स्तर पर उठाने का संकल्प लिया था।
डीएम पुलकित खरे भानु और उसके पिता को लेकर माधौगंज स्थित लखनऊ पब्लिक स्कूल पंहुचे जंहा पर उन्होंने भानु का एडमीशन अपने निजी खर्चे पर कराया। उन्होंने कालेज के संस्थापक पूर्व एमएलसी एसपी सिह व प्रधानाचार्य सरोज कटियार से केजी कक्षा में प्रवेश के लिए जानकारी की और भानू के दाखिले के लिए भरे जाने वाले प्रवेश फार्म पर अभिभावक के स्थान पर स्वयं हस्ताक्षर किए। उन्होंने केजी कक्षा में पढा रही शिक्षिका रूचि शर्मा से बच्चों की पढ़ाई के तौर तरीके की जानकारी कर भानु का वहां पढ़ रहे बच्चों से परिचय कराया। भानुप्रताप इस दौरान कक्षा के अन्य बच्चों से हाथ मिलाकर एक दूसरे से मिला। डीएम पुलकित खरे ने हास्टल की वार्डेन से बच्चों के भोजन व्यवस्था व ठहरने के इन्तजाम के बारे में जानकारी की और अब भानु वहां हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करेगा।
रिक्शा चालक के होनहार बेटे भानू का प्रदेश के जाने माने स्कूल में दाखिला कराने के बाद डीएम पुलकित खरे ने कहा कि भानू के अन्दर समान्य बच्चों की अपेक्षा सोचने व समझने की क्षमता अधिक है और उसकी इसी क्षमता से प्रभावित होकर उन्होंने अपने निजी खर्चे पर उसे अच्छी शिक्षा दिलाने का संकल्प लिया है। भानु की केजी से लेकर इण्टर तक की शिक्षा यही से होगी और उसके बाद की शिक्षा भानू की रूचि के अनुसार कराएगें। उन्होंने कहा कि जिले से स्थानान्तरण के बाद वह जहां भी होंगे वहीं से प्रधानाचार्य व बच्चे के पिता से सम्पर्क बनाए रखेंगे।
पिता का एकाउन्ट नम्बर व मोबाइल नम्बर उन्होंने ले रखा है जिससे वह बराबर सम्पर्क में बने रहेंगे। रिक्शा चालक के बच्चे का भाग्य उसकी छिपी प्रतिभा से उजागर हुआ। बच्चे की मां माधुरी गृहणी है। भानु के ग्राम की प्रधान के पति सन्तराम कश्यप ने बताया कि भानुप्रताप प्राथमिक विद्यालय मड़ौली में कक्षा एक मे पढ़ने जाता था और उसमें विलक्षण प्रतिभा है जिसे डीएम ने पहचानकर उसकी पढ़ाई की पूरी जिम्मेदारी ली है।