नई दिल्ली: अब आपको गंगाजल के ऋषिकेश या हरिद्वार जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। केंद्र सरकार गंगाजल की ऑनलाइन बिक्री करने जा रही है। संचार एवं सूचना प्रौद्यौगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा कि सरकार अब हरिद्वार और ऋषिकेश से गंगाजल को डाक विभाग की मदद से लोगों के घरों तक पहुंचाएगी। हालांकि इसकी कीमत और योजना की शुरुआत कब होगी, तय नहीं की गई है।
प्रसाद ने दो साल की उपलब्धियां बताने को लेकर आयोजित प्रेस कांफ्रेस में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, गंगाजल के लिए ऑनलाइन ऑर्डर देना होगा तथा घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी डाक विभाग की होगी। इसके बदले डाक विभाग को शुल्क चुकाना होगा।
डाक विभाग के सूत्रों के अनुसार, इसके लिए एक अलग से वेबसाइट बनाई जा सकती है। योजना पर आरंभिक कार्य हो चुका है, लेकिन इसे शुरू होने में अभी थोड़ा समय लगेगा।
पानी का न्यूनतम पैक 90 मिलीग्राम का होने की संभावना है जिसकी न्यूनतम कीमत दस रुपये होगी। डिलिवरी का शुल्क डाक विभाग अलग से लेगा। मान्यताओं के अनुसार देश में गंगाजल की कई पावन अवसरों पर घर में जरूरत होती है। लोग जब गंगा स्नान करने जाते हैं तो गंगाजल लेकर आते हैं। जो लोग खुद नहीं जा पाते वे दूसरों से मंगाते हैं। दक्षिणी राज्यों जहां गंगा नहीं है, उनके लिए यह बड़ी चीज है। सरकार के इस फैसले के राजनीतिक अर्थ भी निकाले जा रहे हैं। गंगाजल लोगों की धार्मिक भावनाओं से जुड़ा है।
प्रसाद ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि पिछले एक साल के दौरान देश में 17 कंपनियों ने अपनी मोबाइल फोन बनाने वाली यूनिटें लगाई हैं। इस दौरान 11 करोड़ मोबाइल फोन देश में बने हैं। एक अन्य प्रश्न पर कहा, अगले तीन महीनों में 2100 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी कर दी जाएगी।
प्रसाद ने कहा कि टेलीकॉम ऑपरेटरों के रेडियो लिंक प्रौद्यौगिकी (आरएलटी) के माध्यम से कॉल ड्रॉप छिपाने के मामलों की जांच के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि ट्राई मामले की जांच कर रहा है।
प्रसाद ने डिजिटल इंडिया के प्रचार-प्रसार के लिए शुरू किए जा रहे अभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने ग्रामीण एवं दूरदराज के क्षेत्रों में प्रचार के लिए 16 वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ये वाहन प्रचार सामग्री से लैस हैं।