लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने लोक निर्माण विभाग के सम्बन्ध में स्वयं द्वारा समय-समय पर की गई घोषणाओं की प्रगति की समीक्षा के निर्देश अपने सचिव, श्री आमोद कुमार को दिए। मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में श्री आमोद कुमार ने इन घोषणाओं की आज यहां समीक्षा की।
मुख्यमंत्री द्वारा पिछले साढे़ चार वर्ष के दौरान कुल 452 घोषणाएं की र्गइं। इनमें से 199 घोषणाओं के कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं, जबकि बाकी योजनाओं का कार्य प्रगति पर है।
मुख्यमंत्री के सचिव द्वारा समीक्षा में यह पाया गया कि कुछ घोषणाएं समयबद्ध ढंग से पूरी की जा चुकी हैं। 09 अक्टूबर, 2012 को मुख्यमंत्री द्वारा आजमगढ़ जनपद में वाराणसी-आजमगढ़ मार्ग पर शहर में चिल्ड्रेन हाईस्कूल के पास अपूर्ण आर0ओ0बी0 को शीघ्र पूर्ण किए जाने की घोषणा की गयी थी, जिसे सेतु निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर श्री मनोज कुमार द्वारा तेजी से काम करते हुए 30 जून, 2013 को पूर्ण करा दिया गया। मुख्यमंत्री के निर्देश पर श्री मनोज कुमार को प्रशस्ति पत्र दिया जाना प्रस्तावित है। इसी प्रकार मेरठ जनपद में राली ग्राम में काली नदी पर पुल निर्माण की घोषणा 12 नवम्बर, 2012 को की गयी थी। जिसे प्रोजेक्ट मैनेजर श्री सतीश कुमार द्वारा 30 नवम्बर, 2013 को पूर्ण करा दिया गया।
सचिव मुख्यमंत्री ने कुछ घोषणाओं में अपेक्षित प्रगति न होने पर अप्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कानपुर देहात की तीन घोषणाओं-महेरा से तरसौली तक 02 किलोमीटर सड़क निर्माण, मनाओं रोड से वंशी नेवादा होते हुए अकौडिया 03 किमी0 सड़क निर्माण तथा तरौली बम्बी पुलिस से रामपुर कसमड़ा तक 03 किलोमीटर सड़क निर्माण की धीमी प्रगति पर अप्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने इसके लिए जिम्मेदार अधिशासी अभियन्ता श्री अमर किशोर को तत्काल प्रभाव से निलम्बित करते हुए उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।
श्री आमोद कुमार द्वारा संतकबीरनगर में बिड़हर घाट पुल उमरिया बन्धे अप्रोच मार्ग से जिला मुख्यालय संतकबीरनगर खलीलाबाद रोड के किमी0-13 के बाद अवशेष 18 किमी0 रोड का चैड़ीकरण कार्य में धीमी प्रगति तथा धन की मांग करने में हुए विलम्ब के लिए दोषी अधिकारियों के खिलाफ जांच कर समुचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं।
सचिव मुख्यमंत्री द्वारा यह भी निर्देश दिए गए कि विभागीय स्तर पर मुख्यमंत्री द्वारा की गयी घोषणाओं की गहन समीक्षा की जाए। उन्होंने प्रमुख अभियन्ता (विकास) एवं विभागाध्यक्ष को पाक्षिक रूप से विस्तृत समीक्षा करते हुए प्रगति आख्या शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रमुख अभियन्ता (विकास) एवं विभागाध्यक्ष को यह भी निर्देश दिए हैं कि 05 करोड़ रुपए से कम धनराशि की लम्बित घोषणाएं नवम्बर, 2016 में पूर्ण कर ली जाएं। ऐसा न कर पाने की स्थिति में जिम्मेदारी तय करते हुए दोषियों के खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जिन घोषणाओं में धनावंटन अपेक्षित है उनकी सूची व प्रस्ताव प्रमुख सचिव को फौरन भेजा जाए।