पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी की अस्थियां एनडी तिवारी के पैतृक गांव के घाट स्यूगाड की कल्सा नदी में विसर्जित की गई। उनके भतीजे हरीश तिवारी, विजय तिवारी, पूरन तिवारी और विधायक राम सिंह कैड़ा, समाजिक कार्यकर्ता मोहन पाठक, ज्येष्ठ प्रमुख अनिल चनौतिया सहित तमाम लोगों ने एनडी तिवारी की अस्थियों का विसर्जन किया।
इसके बाद हरिद्वार में कनखल सती घाट पर पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय एनडी तिवारी की अस्थियां गंगा में विसर्जित की गई। एनडी तिवारी के पुत्र रोहित शेखर ने अस्थियां विसर्जित की। इस दौरान पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण भी मौजूद रहे।
स्व. तिवारी के भतीजे दीपक बल्यूटिया ने बताया कि 29 अक्तूबर को दिल्ली में ही पीपलपानी होगा। पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी रविवार दोपहर बाद अनंत यात्रा पर चल दिए। उनके पुत्र रोहित शेखर तिवारी ने रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट पर 2.35 बजे उनको मुखाग्नि दी।
इससे पहले काठगोदाम सर्किट हाउस से चित्रशिला घाट तक उनकी यात्रा में आम और खास सभी का हुजूम उमड़ पड़ा। ‘एनडी तिवारी अमर रहें’, ‘जब तक सूरज चांद रहेगा एनडी तेरा नाम रहेगा’ ‘संघर्ष किया है संघर्ष करेंगे, विकास किया है विकास करेंगे’ के नारों से लोगों ने अपने प्रिय नेता के प्रति सम्मान प्रकट किया।