नई दिल्ली: (दुनिया में जो) इंस्टिट्यूशन्स हैं जो रेटिंग करते हैं, सब एक बात पर सहमत हैं कि आज दुनिया के बड़े देशों की fastest growing economy भारत है। अब मैं मानता हूं कि विकास की संभावनाएं बहुत हैं। दुनिया यह भी कहती है कि 21वीं सदी एशिया की सदी है। एक तरफ भारत में तेज़ गति से विकास हो रहा है, दूसरी तरफ दुनिया की नज़र एशिया की तरफ है। लेकिन क्या यू.ए.ई. के बिना एशिया अधूरा है कि नहीं है? और इसलिए हम एशिया का उज्ज्वल भविष्य देखना चाहते हैं, तो मैं स्पष्ट देख रहा हूं कि यू.ए.ई. उसकी मुख्य आर्थिक धारा के केंद्र बिंदु में होना चाहिए। भारत की संभावनाएं और यू.ए.ई. की शक्ति – ये दोनों के जुड़ने से, ये जो 21वीं सदी एशिया की सदी है, वो सपना पूरा हो सकता है। और उस अर्थ में मैं समझता हूं कि हमने आगे की हमारी सोच, योजना पर आगे बढ़ना है।
यहां कुछ कठिनाइयों के संबंध में मेरे सामने जानकारी आई है। कल भी मेरी विस्तार से कई महानुभावों से विस्तार से बात हुई उसमें भी कुछ-कुछ विषय निकले हैं। अब ये जो कठिनाइयां हैं, वो मुझे विरासत में मिली हैं। लेकिन मुझे विरासत में मिली हैं, इसलिए मैं भाग नहीं सकता हूं। क्योंकि मैं जो अच्छाइयां हैं वो तो ले लूं, और बुराइयां हैं उसको छोड़ दूं, ऐसा तो कोई दुनिया का नियम नहीं हो सकता है। लेकिन मैं आज आपको इतना विश्वास दिलाता हूं कि सरकार की अपनी अनिर्णायकता के कारण, lethargy के कारण indecisiveness के कारण, गलत perception के कारण जो चीजें रुकी हैं – उसको मैं सबसे पहले सुलझाने की दिशा में प्रयास करूंगा।
कुछ चीज़ें हैं को काफी complicated हैं, वो कोर्ट-कचहरी का मसला बन गया है उसमें कुछ मेरी भी मजबूरियां रहेंगी। उसका solution कैसे हो, और मैं पहले एक काम करूंगा, हमारे Commerce Minister को यहां भेजूंगा। और मैं उनसे आग्रह करूंगा कि वो concerned लोगों से सीधा उनकी बात सुनें, उनकी समस्याओं को समझें, और उसका रास्ता खोजें। और उस दिशा में बहुत ही निकट मेरा सबसे पहला काम ये होगा और मैं समझता हूं उससे काफी चीज़ें सुलझना शुरू हो जाएगा।
आप देखते हैं, आज भारत में विकास की बहुत संभावना है। एक तो तीस साल के बाद पहली बार भारत में पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनी है। और लोकतंत्र में पूर्ण बहुमत वाली सरकार होने से एक निर्णायकता होती है, स्पष्ट vision के साथ implementation के लिए कदम उठाने की सुविधा रहती है, जो इस नई सरकार को प्राप्त हुई है। और उसी के कारण हमने बहुत महत्वपूर्ण निर्णय किए हैं।
पहली बार देश में रेलवे इन्फ्रास्ट्रकचर में 100% Foreign Direct Investment को हमने open up कर दिया है। Defence Manufacturing एक बहुत बड़ा क्षेत्र है। Global Market भी है। Third World Countries एक बहुत बड़ा मार्केट है। अगर हम मिल कर के Defence Manufacturing के क्षेत्र में आगे बढ़ते हैं, मैं समझता हूं “Sky is the Limit”। और इसके लिए हमने in general, 49% FDI open up कर दिया है। लेकिन hi-tech industry अगर है, defence में, तो उसमें हम 100% तक जा सकते हैं – ये अपने आप में बहुत बड़ा है।
हमने insurance क्षेत्र को 49% खोल दिया है। Real Estate – और मैं मानता हूं कि भारत में Infrastructure Development and Real Estate – उसकी बहुत संभावनाएं हैं। एक तो सरकार का अपना एक कार्यक्रम है: 2022, जबकि भारत अपनी आजादी के 75 साल मनाएगा, हम 50 million affordable houses बनाना चाहते हैं, low cost. 50 million houses बनाना मतलब भारत के अंदर अनेक छोटे-छोटे नए देश बनाना। बहुत सारे दुनिया के देश हैं कि जिनके यहां total 50 million houses नहीं हैं। इतना बड़ा काम मुझे सात साल में करना है। और जैसे फैज़ल ने कहा, नई technology. मैं जरूर आपके यहां आउंगा, मैं देखूंगा।
मैं चाहता हूं हमें technology भी चाहिए, हमें speed के लिए भी चाहिए and quality construction के लिए भी चाहिए। और low cost housing एक बहुत बड़ा मेरे दिमाग में काम है। भारत को आगे बढ़ाने के लिए मुझे infrastructure भी बढ़ाना है, infrastructure को upgrade भी करना है।
जहां पुराना infrastructure है उसको… अब जैसे रेलवे अगर पुरानी है तो मुझे speed बढ़ानी है। रेलवे स्टेशन, मेरे यहां more than 500 railway stations हैं, जिनको मैं एक प्रकार से बहुत बड़े business hubs में convert करना चाहता हूं। आज हिंदुस्तान में आप जानते हैं, heart of the city railway stations हैं लेकिन ऊपर सब खाली है। क्यों न मैं उस रेलवे स्टेशन के ऊपर 20 मंजिल, 50 मंजिल बड़ी-बड़ी इमारतें बनाऊं 200-200-400 rooms के hotels बनाऊं, बहुत बड़े malls बनाऊं? 500 रेलवे स्टेशन्स! कितना बड़ा development होगा! तो इन चीज़ों को लेकर के हम काम करना चाहते हैं।
Agriculture sector. Agriculture sector में cold storage network, warehousing network… आज भारत में 30% agro product रख रखाव की व्यवस्था के अभाव में waste जाता है। और मैं मानता हूं agro product का waste जाना एक प्रकार का crime है। अगर हम नहीं रख सकते, तो गरीब को देना चाहिए, उसका पेट भरना चाहिए। मैं ये 30% को बचाना चाहता हूं। जो मैं, मेरे देश की आवश्यकता तो पूरी हो जाती है, लेकिन जो अतिरिक्त होगा दुनिया के गरीब देशों के लिए काम आना चाहिए। मैं warehousing, cold storage – इसका बड़ा network खड़ा करना चाहता हूं।
आपकी बात सही है कि आज globalization के युग में Port Sector की बहुत संभावनाएं हैं। और देशों की तुलना में हम काफी पीछे हैं, लेकिन पिछले दिनों हमने काफी गति बढ़ाई है। Public Private Partnership model को हमने promote किया है। हमने इन दिनों काफी नए policy decisions लिए हैं Port Sector के development के लिए। और मैं मानता हूं कि उसका लाभ यू.ए.ई. तो सबसे ज्यादा ले सकता है क्योंकि आपका experience है और आप world की largest companies के साथ जुड़े हुए हैं। तो भारत के साथ मिल कर के port development के साथ-साथ मेरे दिमाग में Port-led Development है। और जब मैं Port-led Development कहता हूं तो Port Infrastructure, Port में Modern Technology, at the same time, Connectivity with Cold Storage, Warehousing, Port, Road, Rail, and hinterland access – इन सारी चीज़ों को जोड़ करके मैं Port-led Development के concept को आगे बढ़ाना चाहता हूं। और huge potential पड़ा हुआ है।
भारत ने tourism को tap नहीं किया है। आज दुनिया में tourism 3 trillion dollars का business है। भारत का contribution बहुत ही कम है। Hospitality Industry के लिए भारत में बहुत संभावनाएं हैं। दुनिया के लिए अजूबा है भारत क्या कर सकता है। मैं इसको आगे बढ़ाना चाहता हूं। और मैं समझता हूं कि आप लोगों ने जिस level पे काम को बढ़ाया है, आज आप दुनिया को यहां का रेगिस्तान देखने के लिए मजबूर कर सकते हैं। ये ताकत आपने दिखाई है। तो भारत के पास तो बहुत कुछ है। थोड़ा आपकी expertise हमारे साथ जुड़ जाए, तो सारी दुनिया को हम आकर्षित कर सकते हैं। तो tourism के लिए बहुत संभावनाएं हैं।
तो मैं कहता हूं कि कोई भी क्षेत्र उठा लीजिए आज, भारत संभावनाओं से भरा हुआ है। जैसे आपने कहा solar energy, wind energy, renewable energy. 188 GigaWatt – 100 Solar Energy, 75 Wind Energy, and 13 Renewable Energy from “Waste to Wealth”. मैं समझता हूं ये एक बहुत बड़ी opportunity है। हम Solar Energy Equipment manufacturing भी वहां चाहते हैं, हम Solar energy Instalment भी चाहते हैं, हम Power Generation की दिशा में जाना चाहते हैं, और Global Warming की जो चिंता है दुनिया की, we are one-sixth population of the world! अगर हम एक कदम चलते हैं, एक कदम सुधार करते हैं तो दुनिया की one-sixth समस्या का समाधान देते हैं। इतनी बड़ी ताकत है। हम global environment को कितना positively impact कर सकते हैं! मैं समझता हूँ कि आप सबके सहयोग से, इस बात को हम आगे बढ़ा सकते हैं इंस्टिट्यूशन्स हैं जो रेटिंग करते हैं, सब एक बात पर सहमत हैं कि आज दुनिया के बड़े देशों की fastest growing economy भारत है। अब मैं मानता हूं कि विकास की संभावनाएं बहुत हैं। दुनिया यह भी कहती है कि 21वीं सदी एशिया की सदी है।
यहां जो हमारे मित्र बैठे हैं – अगर proper environment मिलता है तो कितने successful होते हैं – उनकी story एक-एक अपने आप में सफलता की बातें हैं। मैं चाहूंगा कि आप सब मिल कर के – चाहे इस तरफ हो, चाहे उस तरफ हो – मैं आपको यहां निमंत्रण देने आया हूं।
और मैं मानता हूं आज भारत में 1 trillion dollars की immediate investment की संभावनाएं हैं। अब मैं 1 trillion बोलता हूं तो ऐसे नहीं कि मुझे समझ नहीं है इसलिए मैं बोल रहा हूं। मुझे पक्की समझ है कि 1 billion और 1 trillion का क्या फर्क होता है उसके बाद भी मैं जिम्मेवारी से कहता हूं कि 1 trillion dollars की संभावनाएं immediate पड़ी हैं। और मैं चाहूंगा कि भारत के बहुत dynamic, progressive policies हैं, एक stable government है, decisive government है, और मैं आज आपके घर सामने से आया हूं।
मैं देख रहा हूं, मैं कल से जो महसूस कर रहा हूं, मुझे खुद को शर्मिंदगी महसूस हो रही है, कि हमने 34 years क्यों गंवा दिए हैं? मैं खुद महसूस कर रहा हूं। और इसलिए मैं आज मैं उन सभी 34 years की कमी को भी पूरी करके जाना चाहता हूं।
तो मैं आप सबका बहुत-बहुत आभारी हूं। और मैं आपको निमंत्रण देता हूं कि आप आईए भारत और हम सब मिल कर के 21वीं सदी एशिया की सदी कैसे बने, हम उस आर्थिक विकास की ऊंचाइयों को कैसे ले जाएं ताकि दुनिया के सामान्य-सामान्य व्यक्ति की भलाई में हम काम आएं। मेरा आप सबको निमंत्रण है और मैं His Excellency का आभारी हूं कि वो स्वयं आए, और आप सबसे मिलने का मुझे अवसर दिया।