नई दिल्ली: सहारा परिवार के मुखिया सुब्रत रॉय सहारा को उनकी मां की निधन के बाद के संस्कारों के लिए पैरोल मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय सहारा को चार हफ्ते की पैरोल दी है। इस दौरान सहारा सादे कपड़ों में पुलिसवालों की निगरानी में रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति एआर दवे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सुब्रत राय पुलिस कस्टडी में जेल से बाहर चार सप्ताह के लिए निकलेंगे और अपनी मां के अंतिम संस्कार संबंधी सभी क्रियाओं को पूरा करेंगे। इस दौरान वे पुलिस कस्टडी में रहेंगे।
सुब्रत रॉय की मां छबि रॉय का निधन गुरुवार देर रात हो गया था। जिसके बाद उन्होंने तीन हफ्ते की पैरोल की मांग की थी। उनकी मां कई दिनों से बीमार चल रही थीं, लखनऊ में उनका निधन हुआ है। छबि रॉय पिछले दो साल से सुब्रत रॉय से मिलने का इंतजार कर रही थी, जिसके लिए सहारा परिवार के मुखिया ने कई बार जमानत की गुहार भी लगाई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख के अतिरिक्त सहारा ग्रुप के निदेशक और सुब्रत राय के बहनोई अशोक राय चौधरी को भी चार सप्ताह के लिए कस्टडी पैरोल पर रिहा करने के आदेश जारी किए हैं। अदालत ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया है कि तुरंत वो सहारा प्रमुख सुब्रत राय को पुलिस की निगरानी में रखे। पुलिस सादी वर्दी में चार सप्ताह तक सुब्रत राय व उनके बहनोई अशोक राय चौधरी की निगरानी रखेगी और पैरोल की अवधि पूरी होने पर उन्हें वापस तिहाड़ जेल लाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पैरोल के दौरान सहारा प्रमुख देश छोड़ कर नहीं जाएंगे और पुलिस निगरानी से बाहर नहीं जाएंगे। अंतिम संस्कार के सिलसिले में वो गंगा सागर, हरिद्वार और लखनऊ जा सकेंगे।