नई दिल्लीः दीपावली और छठ पूजा का त्यौहार बेहद नजदीक है. लोग अपने घरों पर जाने के लिए रेल टिकट बुक करवा रहे हैं और बहुत से ऐसे यात्री भी है जिनकी टिकट बुक नहीं हो पाई है. वहीं टिकटों की अवैध बुकिंग करने वाले गैंग भी सक्रिय हैं. लेकिन ऐसे ही गैंग पर नकेल कसते हुए दिल्ली में रेलवे की टिकट दलाली करने वाला एक ऐसा शख्स गिरफ्तार हुआ है. जिसके पास से करीब डेढ़ करोड़ रुपए की ई-टिकट बरामद हुई है. जिसमें से चार लाख रुपए की वो टिकटें हैं जिन पर यात्रा होनी है. अधिकतर टिकट छठ पूजा और दिवाली की हैं.
आरपीरफ के सीनियर डीएससी शशि कुमार के मुताबिक रेल मंत्री और डीजी अरुण कुमार के आदेश पर लगातार अवैध टिकटों के खिलाफ अभियान चल रहा है. लगातार सीनियर डीएससी की टीम छापा मारकर टिकट माफियाओं को गिरफ्तार कर रही है और अब टिकट दलालों के लिए शशि कुमार ख़ौफ़ का नाम बन गए हैं. चूंकि एक के बाद टिकट दलाल गिरफ्तार हो रहे हैं
आरपीरफ ने ज़ी न्यूज़ को बताया की को पिछले कुछ दिनों से लगातार जानकारी मिल रही थी कि एक शख्स है जो एक मोबाइल नम्बर से लगातार ई-टिकट के जरिये टिकटों की बुकिंग कर रहा है. इस जानकारी के बाद निजामुद्दीन आरपीएफ के इंस्पेक्टर भूपेंद्र सिंह और एसआई रविन्द्र किन्ना ने आईआरसीटीसी के साथ तुग़लकाबाद एक्सटेंशन में आधार कार्ड केंद्र पर छापा मारा और वहां से नवनीत प्रजापति (29) नाम के शख्स को गिरफ्तार किया.
नवनीत आधार कार्ड केंद्र की आड़ में अवैध टिकटों की बुकिंग कर रहा था. इसके ऑफिस के कंप्यूटर की जांच की तो आरपीएफ टीम के होश फाख्ता हो गए. पुलिस टीम को नवनीत के ऑफिस से करीब डेढ़ करोड़ रुपए की 7549 टिकट वो मिली हैं जिन पर यात्रा हो चुकी हैं और करीब 300 टिकट जिनकी कीमत चार लाख रुपए है जो दीपावली और छठ त्यौहारों के दौरान यात्रा होनी थी. आरोपी ने पुलिस को बताया की ये टिकट फेक पर्सनल यूजर आईडी के जरिये बुक करवाता था है और टिकटों की बुकिंग के लिए ऑनलाइन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करता था.
कैसे काम करता है फर्जी टिकट बनाने वाला गैंग
आरपीएफ ने बताया की सीबीआई ने नवीन प्रजापति को 2015 में टिकट दलाली गैंग से संबंध के आरोप में बेंगलुरू सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. फिर जमानत मिलने के बाद नवनीत दोबारा से इस धन्धे में शामिल हुआ. बरामद हुई इन टिकटों का दीपावली और छठ पूजा के दौरान यात्रियों को ऊंचे दामों पर बेचना था ताकि मोटा मुनाफा कमाया जा सके. त्यौहारों के दौरान यात्री ज़्यादा होते हैं और टिकट कम. फिर शुरू होता है टिकटों की दलाली का काम. गैंग का मुखिया अवैध यूजर आई डी के जरिये टिकट बुकिंग करता है और टिकट की कीमत से 1000 रुपए ज्यादा में बेच देता है. वही दूसरा तरीका टिकट बुकिंग करवाने वाला शख्स इनके पास आता है और उसकी आई डी पर कई टिकट बुक कर देता है फिर उन टिकटों को ज़्यादा कीमत पर बेच देता है.
आरपीएफ के डीएससी शशि कुमार ने बताया कि नवनीत ने 547 आईडी के जरिये टिकटों की बुकिंग की थी. अब इन 547 आईडी को डिएक्टिवेट कर दिया गया है. वहीं नवनीत को 143 रेलवे एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है. अब आरपीएफ इसके और लोगों की तलाश कर रही हैं जो इस गोरखधंधे में शामिल हो सकते हैं. Source Zee News