नई दिल्ली: केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संतोष कुमार गंगवार ने आज भारत में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के शताब्दी समारोह का उद्घाटन किया, जिसका आयोजन नोएडा स्थित वी.वी. गिरि राष्ट्रीय श्रम संस्थान में किया गया।
श्री गंगवार ने ‘पेशे का भविष्य’ पर आयोजित राष्ट्रीय हितधारक परामर्श के दौरान देश में आईएलओ के शताब्दी समारोह के शुभारंभ के अवसर पर श्रमिक संगठनों एवं नियोक्ता संगठनों के प्रतिनिधियों और कामगारों का स्वागत किया। श्री गंगवार ने कहा कि आईएलओ दरअसल संयुक्त राष्ट्र संगठन (यूएनओ) की एक अनूठी एजेंसी है, जिसका स्वरूप त्रिपक्षीय है और जो सरकार, नियोक्ताओं एवं कामगारों के बीच सहयोग के सिद्धांत पर कार्य करता है। उन्होंने कहा कि आईएलओ की स्थापना वर्ष 1919 में हुई थी और इसका संस्थापक सदस्य होने के नाते भारत ने इस संगठन के प्रत्येक क्षेत्र में सदैव सक्रिय भूमिका निभाई है। श्री गंगवार ने कहा कि भारत ने पूरी शताब्दी के दौरान आईएलओ के 189 समझौतों में से 47 समझौतों का अनुमोदन किया है। उन्होंने कहा कि हमने आठ प्रमुख समझौतों में से 6 समझौतों का अनुमोदन किया है। इसी तरह बाल श्रम से संबंधित दो समझौतों (सी-138 और सी-182) का अनुमोदन वर्तमान सरकार द्वारा किया गया है।
श्री गंगवार ने यह भी कहा कि भारत सरकार कामगारों के कल्याण एवं सामाजिक सुरक्षा के लिए पूरी लगन के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना (पीएमआरपीवाई) से लगभग 1.5 करोड़ कर्मचारी लाभान्वित हुए हैं और हमने अब तक लगभग 3648 करोड़ रुपये खर्च किये हैं। हाल ही में पेश किये गये अंतरिम बजट में सरकार ने असंगठित क्षेत्र के कामगारों जैसे कि रिक्शा चालकों, छोटे दुकानदारों, कृषि एवं ग्रामीण श्रमिकों के लिए एक मेगा पेंशन योजना का प्रावधान किया है। श्री गंगवार ने कहा कि अब असंगठित क्षेत्र के लगभग 3 करोड़ कामगार प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) से लाभान्वित हो रहे हैं, जो कामगारों के लिए नि:शुल्क है। उन्होंने कहा कि नई प्रौद्योगिकी, स्वचालन और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के वर्तमान परिदृश्य में नौकरियां गंवाने की आशंका महसूस की गई है। ‘पेशे के भविष्य पर वैश्विक आयोग’ ने इस सभी पहलुओं का अध्ययन किया है और उपयोगी सिफारिशें पेश की हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे देश के विशेष संदर्भ में ‘पेशे का भविष्य’ पर पेश की गई रिपोर्ट पर सभी हितधारकों (श्रमिक संगठन, नियोक्ताओं के प्रतिनिधिगण एवं सरकारी प्रतिनिधिगण) ने विचार-विमर्श किया। वी.वी.गिरि राष्ट्रीय श्रम संस्थान के चार प्रकाशनों का विमोचन भी इस समारोह के दौरान किया गया। सुश्री डगमर वाल्टर, निदेशक, आईएलओ, दक्षिण एशिया के लिए डीडब्ल्यूटी और भारत के लिए कंट्री ऑफिस ने पैनल परिचर्चा की अध्यक्षता की।
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय में अपर सचिव एवं वित्तीय सलाहकार सुश्री सिबानी स्वेन और मंत्रालय में अपर सचिव सुश्री अनुराधा प्रसाद ने भी इन चर्चाओं में भाग लिया। ‘पेशे के भविष्य पर वैश्विक आयोग’ के सदस्य डॉ. ए.दीदार सिंह ने पेशे के भविष्य पर आईएलओ के वैश्विक आयोग की प्रस्तुति दी। वी.वी.गिरि राष्ट्रीय श्रम संस्थान के महानिदेशक डॉ. एच.श्रीनिवास ने अतिथियों का स्वागत किया और परामर्श से जुड़ी जानकारियां दीं।