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समूहों की महिलाओं को 90 लाख रुपये का ऋण: उपेन्द्र तिवारी

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने महिलाओं को रोजगार के अधिकाधिक अवसर उपलब्ध कराने की प्रभावी व्यवस्था की है। उसर सुधार निगम द्वारा प्रदेश के सभी जिलों में स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को रोजगारपरक कार्यक्रमों एवं याजनओं से जोड़ा गया है। गत वित्तीय वर्ष में 6024 महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है।

यह जानकारी प्रदेश के परती भूमि विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री उपेन्द्र तिवारी ने दी है। उन्होंने बताया कि महिला सशक्तीकरण के उद्देश्य से गठित महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा 23 लाख रुपये की  अतिरिक्त बचत की गई है। समूहों के सदस्यों में लगभग 90 लाख रुपये के अंतः ऋण वितरित करके समूह के सदस्यों को सामाजिक एवं आर्थिक रुप से सुदृढ़ किया गया। महिला सशक्तीकरण के साथ-साथ ग्रामीण महिलाओं में स्वावलम्बन को भी मजबूती प्रदान की गई है।

परती भूमि विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने बताया कि प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रमों के तहत आयजनित गतिविधियों के लिए 1795 महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षत किया गया है। आयजनित योजनाओं  के अंतर्गत 15799 महिलाओं को लाभान्वित किया गया है। इसके साथ ही 1523 स्वयं सहायता समूहों को आजीविका सहायोग धनराशि प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि भूमि सुधार कार्यक्रमों की तृतीय परियोजना में आयजनित गतिविधियों को विशेष बल दिया जा रहा है। गठित महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा कृत्रिम ज्वैलरी बनाना, बैग बनाना, चिकन जरदोजी, खिलौना निर्माण, अगरबत्ती, दोना, बांस झाड़ू, मिठाई के डिब्बे, चाक, नमकीन भूजिया, दलिया, बेसन, खोया, पनीर बनाने के अलावा सिलाई-कढ़ाई के कार्य किये जाते हैं। उन्होंने बताया कि भूमि सूधार निगम द्वारा आयोजित कार्यों के लिए महिला स्वयं सहायता समूह को अधिकतम एक-एक लाख रुपये तक की धनराशि आजीविका सहयोग के रुप में सुलभ कराई जाती है।

श्री तिवारी ने बताया कि ग्रामीण गरीब महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए बकरी विकास कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके तहत गांवों में गठित इच्छुक महिला समूहों की प्रत्येक महिला को दो बकरी दी जाती है। अब तक 2563 महिला स्वयं सहायता समूहों को लाभान्वित किया जा चुका है।

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