शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत जिले के निजी स्कूलों में निश्शुल्क प्रवेश के लिए 2294 लोगों ने आनलाइन आवेदन किया है। आवेदन की आखिरी समय सीमा गुरुवार को समाप्त हो गई है। 13 जून को लाटरी के माध्यम से स्कूल का आवंटन होगा। इसके बाद प्रवेश प्रक्रिया पूरी की जाएगी। गरीबों के बच्चों को अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में निश्शुल्क दााखिले के लिए अभिभावक भी सक्रिय हो गए हैं। अभिभावकों को उम्मीद है कि उनके बच्चे भी अच्छे स्कूल में पढ़ सकेंगे।
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से दस्तावेजों का सत्यापन कराने का काम शुरू कर दिया गया है। यह सत्यापन शनिवार को भी होगा। दो दिन में सत्यापन का काम पूरा कर लिया जाएगा। उसके बाद 13 जून को लाटरी के माध्यम से आनलाइन स्कूल का आवंटन होगा। 30 जून तक चयनित विद्यालय में प्रवेश की प्रक्रिया को पूरा करने का समय निर्धारित है। इसलिए विभाग पूरी तरह से लगा हुआ है। ताकि समय से गरीब बच्चों का अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में निश्शुल्क दाखिला हो सके।
आर्थिक रूप से कमजोर छात्र होते हैं पात्र
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत जिले के निजी स्कूलों की 25 फीसद सीटों पर कक्षा एक या पूर्व प्राथमिक कक्षाओं में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों का प्रवेश लेना होता है। इन बच्चों की पढ़ाई का खर्च शासन की ओर से स्कूलों के खातों में भेजा जाता है। वहीं कापी-किताब के लिए पांच-पांच हजार रुपये अभिभावकों के खाते में प्रेषित किए जाते हैं। आरटीई के तहत प्रवेश के लिए तीन चरणों में आनलाइन आवेदन पत्र मंगाए जाते हैं। दस्तावेजों के सत्यापन के बाद लाटरी के माध्यम से अर्ह विद्यार्थियों को उनके वार्ड में मौजूद निजी स्कूलों का शासन स्तर से आवंटन होता है। जिसके बाद स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया पूरी कराई जाती है।
जिला बेसिक शिक्षाधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह का कहना है कि आरटीई के तहत दूसरे चरण में निजी स्कूलों में निश्शुल्क प्रवेश के लिए आवेदन की तिथि समाप्त हो चुकी है। इसके बाद आवेदन पत्रों का सत्यापन किया जाएगा। शासन द्वारा निर्धारित समय सारणी के अनुसार 13 जून को लाटरी के जरिए अर्ह छात्रों को स्कूल आवंटित किया जाएगा। जेएनएन