लखनऊ: उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव, प्रशासनिक सुधार ने आम जनता एवं नागरिकों की जानकारी हेतु आर0टी0आई0 एक्ट-2005 तथा जनहित गारण्टी योजना-2011 का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए है। आर0टी0आई0 एक्ट-2005 एवं जनहित गारण्टी योजना-2011 दोनों अधिनियमों को प्रदेश सरकार ने जनहित में तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। आर0टी0आई0 एक्ट-2005 के अन्तर्गत कोई भी व्यक्ति सरकारी विभागों में नियुक्त अथवा नामित जनसूचना अधिकारी को 10 रु0 के पोस्टल आर्डर शुल्क प्रार्थना पत्र के साथ प्रस्तुत करके सूचनायें मांग सकता है और जनसूचना अधिकारी को 30 दिन में सूचना देना अनिवार्य है। यदि सूचना नहीं मिलती है तो आर0टी0आई0 आवेदक विभाग में नियुक्त अथवा नामित प्रथम अपीलीय अधिकारी को सूचित करके सूचनायें मांग सकता है। प्रथम अपीलीय अधिकारी को 15 दिन में सूचना देनी अनिवार्य है। यदि फिर भी सूचना नहीं मिलती है तो वादी सीधे राज्य सूचना आयोग में अपना वाद स्वयं दाखिल कर सकता है जहाँ पर आयोग द्वारा वादी को सूचनायें दिलायी जायेगी।
आर0टी0आई0 एक्ट की अनदेखी करने वाले तथा लापरवाह जनसूचना अधिकारियों पर आयोग 250 रु0 प्रतिदिन की दर से अर्थदण्ड लगा सकता है। अर्थदण्ड की अधिकतम सीमा 25 हजार रु0 तक निर्धारित की गयी है। शिथिलता बरतने वाले जनसूचना अधिकारियों पर अर्थदण्ड के अलावा वादी को पीड़ित करने पर क्षतिपूर्ति भी दिलायी जायेगी। विभागीय दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। राज्य सूचना आयोग आर0टी0आई0 एक्ट को कड़ाई से अनुपालन कराने हेतु कटिबद्ध है। आर0टी0आई0 एक्ट-2005 से आम जनता सहित सभी पीड़ित नागरिको एवं जन सामान्य को न्याय मिलने लगा है। जिससे आर0टी0आई0 एक्ट काफी प्रभावी एवं सफल तथा जनता के लिए वरदान साबित हो रहा है।
उ0प्र0 सरकार द्वारा जनहित गारण्टी योजना-2011 में भी जनता को निर्धारित समय सीमा में आवश्यक जनोपयोगी सुविधाओं की उपलब्धता तथा शिकायतों/समस्याओं का निस्तारण कराने, शीघ्र न्याय दिलाने के लिए ठोस व्यवस्था की गयी है। राज्य सरकार ने उ0प्र0 जनहित गारण्टी योजना को समस्त जन कल्याणकारी विभागों/निगमों/कार्यालयों में 2011 से लागू कर दिया है। इस योजना के अन्तर्गत 140 सेवायें अधिसूचित की जा चुकी है। शासन द्वारा उ0प्र0 जनहित गारण्टी योजना-2011 तथा आर0टी0आई0 एक्ट-2005 का व्यापक प्रचार-प्रसार करके जन सामान्य में जागरूकता उत्पन्न की गयी है।
प्रमुख सचिव प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा समस्त विभागों के प्रमुख सचिव/सचिव/विभागाध्यक्षों/मण्