नई दिल्लीः ग्रामीण विकास मंत्रालय की कार्य-निष्पादन समीक्षा समिति की बैठक का शुभारंभ आज सुबह नई दिल्ली के भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (नेशनल कॉपरेटिव यूनियन ऑफ इंडिया) (एनसीयूआई) के सभागार में माननीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर जी के द्वारा किया गया ।
पहले अपर सचिव श्री अमरजीत सिन्हा ने कार्यक्रम की रूपरेखा एवं विभिन्न योजनाओं के मुख्य बिन्दुओं की जानकारी बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों को दी । इसके पश्चात ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज सचिव, श्री जितेन्द्र शंकर माथुर ने केन्द्र सरकार की प्राथमिकताओं और बैठक के उद्देश्यों के बारे में अवगत कराया ।
माननीय ग्रामीण विकास मंत्री जी ने अपने उद्बोधन में बैठक में उपस्थित राज्यों के सचिवों और प्रधान सचिवों का स्वागत किया और कहा कि ग्रामीण विकास देश के विकास का आधार है । माननीय प्रधान मंत्री जी की अवधारणा है कि ग्राम मजबूत होंगे तो राज्य मजबूत होंगे, राज्य मजबूत होंगे तो देश मजबूत होगा । ग्रामीण विकास मंत्रालय इसी अवधारणा को आगे बढ़ाते हुए ग्रामीण विकास का कार्य करेगा । माननीय प्रधान मंत्री जी संघीय व्यवस्था को मजबूत करने के लिए दृढ़संकल्प हैं और ग्रामीण विकास के लिए केन्द्र पूरा सहयोग करेगा ।
मनरेगा कार्यक्रम के तहत किए गए उल्लेखनीय कार्यों का जिक्र करते हुए माननीय मंत्री जी ने सभी राज्यों द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष में 235.5 करोड़, मानव श्रम दिवस सृजित कराने पर बधाई दी। मनरेगा में स्थाई अवसंरचनाओं का निर्माण एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम कौशल विकास योजना के तहत अधिक से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित करने पर बल दिया गया है ।
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम कौशल विकास योजना में जहां एक ओर आम गरीब की आमदनी बढ़ाना महत्वपूर्ण है, वहीं दूसरी ओर इससे ग्रामीण क्षेत्र के आधारभूत ढांचे की गुणवत्ता में सुधार लाना आवश्यक है ।
सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लक्ष्य की प्राप्ति मार्च 2022 से पूर्व मार्च 2019 तक कर ली जाये । माननीय ग्रामीण विकास मंत्री, श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने यह भी बताया कि इस योजना के तहत वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित 44 जिलों में अगले चार वर्षों में 5411 किलोमीटर सड़कों और 126 पुलों का निर्माण 11,700 करोड़ रुपये की लागत से किया जायेगा ।
माननीय ग्रामीण विकास मंत्री जी ने प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत लाभार्थियों के लिए आवास निर्माण के लिए भूमि का चयन समय पर करने पर जोर दिया, जिससे मकान निर्माण का कार्य 6 महीने के अंदर पूरा किया जा सके ।
14वें वित्त आयोग के उद्देश्यों को प्राप्त करने हेतु किए गए उपायों के पश्चात राज्य ज्यादा स्वावलंबी हुए हैं । आज सुशासन और पारदर्शी क्रांति का समय है । सभी को साथ में चलना होगा । वर्ष 2015-16 में मनरेगा के तहत मजदूरों को 95 प्रतिशत मजदूरी का सीधा भुगतान उनके खाते में किया गया । इसे जल्दी ही शतप्रतिशत करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए । उन्होंने सभी राज्यों से मजदूरों के खातों को आधार संख्या से जोड़ने के कार्य को गति प्रदान करने का अनुरोध किया ।
इसके पश्चात बैठक में उपस्थित राज्यों के प्रधान सचिवों ने माननीय ग्रामीण विकास मंत्री जी को राज्यों में किए जा रहे नवाचारों के बारे में अवगत कराया ।