लखनऊ: उत्तर प्रदेश के ग्राम्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. महेन्द्र सिंह ने उ0प्र0 सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए बदलते परिवेश में औद्योगिक घरानों से ग्रामीण क्षेत्रों में पूंजी निवेश का आह्वान किया है। उन्होंने कहा है कि उ0प्र0 में मौजूदा सरकार ने अपने अल्प कार्यकाल के दौरान अवस्थापना सुविधाओं में निरन्तर सुधार के साथ कानून व्यवस्था को बेहतर बनाकर उद्योग धन्धों के स्थापना के लिए निवेश फ्रेन्डली वातावरण तैयार किया है। साथ ही उद्योगों के लिए बेहतर सहूलियतें दी है। उन्होंने कहा कि पूंजीपतियों को उ0प्र0 के विकास में निवेश के माध्यम से योगदान के लिए एक स्वर्णिम अवसर है।
ग्राम्य विकास मंत्री आज नई दिल्ली के मेरियट होटल में इण्डिया सीएसआर समिट-2018 द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने उ0प्र0 में बड़े उद्योगों के साथ ही सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए उद्योगपरक नीतियां बनायी है। इससे आकर्षित होकर उ0प्र0 में बड़े पैमाने पर निवेश प्राप्त हो रहा है। उन्होंने 21 व 22 फरवरी को आयोजित इन्वेस्टर समिट में बड़े पैमाने पर आये निवेश की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 की विशाल जनसंख्या विभिन्न उत्पादों के लिए एक बड़ा बाजार भी है। इसलिए उद्यमियों को उ0प्र0 को निवेश के लिए प्राथमिकता देनी चाहिए।
डा. सिंह ने कहा कि उ0प्र0 सरकार ने ‘‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’’ के माध्यम से शिल्पकारों, कामगारों तथा कारीगरों को स्वरोजगार एवं स्वालम्बन के लिए कार्य कर रही है। प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। उद्योग स्थापना और औद्योगिक निवेश के लिए बेहतर वातावरण बना है। विभिन्न क्षेत्रों के लिए नीतियां बनाकर लागू की गयी हैं।
ग्राम्य विकास मंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों के दौरान जो उद्यमी प्रदेश से पलायन कर रहे थे। मौजूदा सरकार की निवेशपरक वातावरण तथा नीतियों के कारण अब उ0प्र0 की ओर लौट रहे हैं। उनकों सुरक्षा के साथ उचित माहौल उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके साथ ही अवस्थापना सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण एवं निर्मित उत्पादों के विपणन में सहयोग की रणनीति अपनायी जा रही है। इसके लिए व्यावहारिक नीतियां बनायी गयी हैं।
इण्डिया सीएसआर द्वारा आयोजित इस दो दिवसीय सेमिनार में टाटा, डालमिया, रिलायन्स, वेदान्ता तथा सीएसआर के अलावा अन्य औद्योगिक घरानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।