नई दिल्ली: पूर्वी राज्यों के लिए एक क्षेत्रीय समीक्षा बैठक कोलकाता में आयोजित की गई। कार्यशाला में खुले में शौच से मुक्ति की स्थिति, ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन और ग्रामीण जलापूर्ति पर चर्चा की गई।
अपने वक्तव्य में पश्चिम बंगाल के जन स्वास्थ्य मंत्री श्री सुब्रत मुखर्जी ने सुरक्षित स्वच्छता व्यवहारों के महत्व पर जोर दिया और बताया कि पश्चिम बंगाल खुले में शौच से मुक्ति के लिए प्रतिबद्ध है।
इस अवसर पर पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के सचिव श्री परमेश्वरन अय्यर ने झारखंड की टीम को खुले में शौच से मुक्त घोषित किये जाने पर बधाई दी। उन्होंने पश्चिम बंगाल की टीम की सराहना की, जिसने यह प्रतिबद्धता जाहिर की कि दिसंबर, 2018 तक पश्चिम बंगाल के ग्रामीण क्षेत्र खुले में शौच से मुक्त हो जाएंगे।
पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के विशेष परियोजना महानिदेशक श्री अक्षय राउत ने मौजूदा स्वच्छ भारत विश्व शौचालय दिवस प्रतिस्पर्धा (9 से 19 नवंबर, 2018) का परिचय दिया है। उन्होंने सभी राज्यों और जिलों से आग्रह किया कि वे इस प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लें।
पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री समीर कुमार ने ठोस और तरल कचरा प्रबंधन गतिविधियों के महत्व को रेखांकित किया।