लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि राज्य सरकार प्रत्येक नागरिक को अच्छी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कृतसंकल्प है। इसी के दृष्टिगत प्रदेश सरकार चिकित्सकों को पूरी सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसे ध्यान मंे रखकर उ0प्र0 चिकित्सा परिचर्या सेवा कर्मी और चिकित्सा परिचर्या सेवा संस्था (हिंसा और सम्पत्ति की क्षति का निवारण) अधिनियम लागू कराया गया है। उन्होंने अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए प्रमुख सचिव गृह को निर्देशित किया है।
मुख्यमंत्री से आज उनके सरकारी आवास पर उ0प्र0 ग्रामीण आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान, सैफई के निदेशक डाॅ0 ब्रिगेडियर टी0 प्रभाकर ने मुलाकात की। श्री यादव ने कहा कि मरीजों को समुचित चिकित्सा प्रदान करने के लिए सरकार के साथ-साथ निजी चिकित्सकों के सहभागिता जरूरी है। राज्य सरकार चिकित्सकों की सुरक्षा के प्रति संवेदनशील है, जिससे चिकित्सक सुचारु रूप से मरीजों का इलाज कर सके।
श्री यादव ने कहा कि चिकित्सा एक पवित्र पेशा है। ज्यादातर डाॅक्टर सेवाभाव से मरीजों का उपचार कर जनता का सम्मान हासिल करते हैं, लेकिन कुछ चिकित्सक ऐसे भी हैं जो डाॅक्टरी के सम्मानजनक पेशे को बदनाम भी कर रहे हैं, जिसे प्रदेश सरकार किसी भी दशा मंे बर्दाश्त नहीं करेगी और ऐसे चिकित्सकों के प्रति कठोर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्सिंग होम के पंजीकरण एवं नवीनीकरण प्रक्रिया मंे हो रही दिक्कतों शाीघ्र दूर किया जाएगा। श्री यादव ने निजी डाॅक्टरों की इस समस्या का संज्ञान लेते हुए प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को प्रभावी कार्यवाही के लिए निर्देशित किया है कि वे यह सुनिश्चित कराएं कि मुख्य चिकित्साधिकारी के स्तर से नर्सिंग होम के संचालकों को कोई असुविधा न होने पाए। उन्होंने नर्सिंग होम के पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाने के साथ-साथ नवीनीकरण को भी सुगम बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्हांेने कहा कि दोनों कार्याें के लिए आॅनलाइन व्यवस्था को लागू करने से सभी को सुविधा होगी।