यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद चलाए जा रहे आपरेशन गंगा के तहत अब तक 76 उड़ानों से 15,920 से ज्यादा भारतीयों को वापस लाया जा चुका है। अब तक भारतीय वायुसेना के विमान भी 10 उड़ान भर चुके हैं और उन्होंने 26 टन राहत सामग्री पहुंचाई है। हंगरी स्थित भारतीय दूतावास ने बताया है कि भारतीयों को निकालने का अभियान अब खत्म होने वाला है क्योंकि इस अभियान का अंतिम चरण शुरू हो रहा है।
रूसी हमले के बाद यूक्रेन ने अपना वायु क्षेत्र नागरिक उड़ानों के लिए बंद कर दिया था। इसके बाद से वहां फंसे भारतीय पड़ोसी देशों रोमानिया, पोलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया और मालदोवा पहुंच रहे हैं और उन्हें वहां से वापस लाया रहा है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बताया कि रविवार को 11 विशेष उड़ानों के जरिये 2,135 भारतीयों को वापस लाया गया। सोमवार को आठ विशेष उड़ानें संचालित होने की संभावना है जिनसे 1,500 से ज्यादा भारतीयों को वापस लाया जाएगा।
निर्धारित कांटेक्ट प्वाइंट्स पर रिपोर्ट करने को कहा
हंगरी स्थित भारतीय दूतावास ने ट्विटर पर एक महत्वपूर्ण घोषणा की जिसमें फंसे हुए भारतीयों से भारत लौटने के लिए निर्धारित कांटेक्ट प्वाइंट्स पर रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। इसी तरह यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने भी युद्ध क्षेत्र में फंसे सभी भारतीयों से तत्काल एक आनलाइन फार्म भरने को कहा है जिसमें उनकी ताजा लोकेशन समेत अन्य विवरण मांगे गए हैं।
भारत पहुंच चुके हैं 19,920 भारतीय
अधिकारियों ने बताया कि पहली एडवाइजरी जारी होने के बाद से अभी तक 21 हजार से अधिक भारतीय यूक्रेन से बाहर आ चुके हैं। इनमें से 19,920 भारतीय भारत पहुंच चुके हैं। पूर्व में यूक्रेन को मानवीय मदद की छह खेप भेजी जा चुकी हैं और रविवार को छह टन मानवीय सहायता की एक और खेप वायुसेना के विमान से रवाना की गई। विदेश मंत्रालय में स्थापित कंट्रोल रूम में रविवार दोपहर तक 12,435 काल और 9,026 ईमेल को अटेंड किया जा चुका था।
पोलैंड व रोमानिया सीमा पर पहुंच रहे दो दल
यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने रविवार को बताया कि पेसोचिन से अपनी यात्रा शुरू करने वाला 44 भारतीयों का एक समूह लवीव से पोलैंड सीमा के लिए रवाना हो चुका है। जबकि 150 से अधिक भारतीयों का एक और समूह रोमानिया की सीमा की ओर रवाना हुआ है।
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